October 31, 2025

अंकिता भण्डारी को श्रद्धांजली…..नरपिशाच

देहरादून 27 सितंबर 2022,

नर पिशाच

उतराखंड की पावन भूमि

गंगा मैय्या की कसम है

उन निर्लज्ज हत्यारों को

इन शिखंडी नर – पिशाचों

को जमीं और आसमां यूं

निगल जाऐं कि वे मौत भी

मागें तो मर कभी नहीं पाऐं।

त्रिशंकु बन ज़िन्दगी जिएं जिन्दगी

हर घड़ी अपनी मौत की दुआ

हेतु ईश्वर के आगे हाथ फैलाएं

प्रिय अंकिता तुम्हारी आहें

तुम्हारा छटपटाना तुम्हारी चीखें

तुम्हारी रक्षा के लिए पुकारें

काल -भैरव बन उन दरिंदों

को नित प्रति पल ही डराएं

गंगा मैया गवाह बने, कि ये

देवभूमि उनके खानदानों

को युग – युग तक न फबेगी

निर्लज्ज तुम्हारी मां -बहिनें

तुम्हारे जीते जी तुम्हारे लिए

हर -पल ईश्वर के आगे गिडगिडाएँ

तुम हर जन्म में शिखंडी ही

पैदा हो कर अश्वत्थामा की

तरह युगों तक नासूर पाओ।

कभी एक पल भी ना चैन से

रह सको, ना सो, ना खा पाओ॥

अंकिता में क्या तुम्हें अपनी

माँ बहिन भी नजर न आई

अरे दरिदों तुम्हें जिस कोख

से जन्म लिया उस माँ की

कोख सदा के लिए लजाई ।

माँ गंगा की कसम है आज

अंकिता की बद् दुआओं

आहों का असर उन सभी

को साक्षात्निगल जाऐगा॥

जो भी हाथ इन दरिदों को

पैरवी के लिए आगे आऐगा,

उनके खानदानों में भी दूर तक

कभी कोई माँ – बेटियों का

मुँह ना देख पाएगा उनका

वंश सदा – सदा के लिए

दुनिया में नेस्तनाबूद हो जाऐगा।

अंकिता तुम्हें न्याय मिले

तुम्हारी आत्मा को शांति

इन दरिंदों को इनके कर्मों

की ऐसी सजा मिले ऐसी कि

उत्तराखंड की देव भूमि में तो

क्या पूरे ब्रह्माण्ड में ही कोई

माँ बहिनों की तरफ बुरी

नज़र उठाने में थर्राए।

उनकी पैरवी करने वालों

की सारी विद्या -बुद्धि नष्ट हो जाए

दरिंदों की पैरवी से पहले

उन्हें अंकिता की जगह

सिर्फ और सिर्फ अपनी

माँ -बहिनों की ही

छवि नजर आए।

     *********

कवयित्री:

डॉ. पुष्पा खण्डूरी

एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष हिन्दी

डी.ए.वी ( पीजी ) कालेज

देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright2017©Spot Witness Times. Designed by MTC, 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.