अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक रिपोर्ट में बताया है भारत सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से गरीबी दर में वृद्धि के खतरे को संभाला है।
 
        देहरादून 06 अप्रैल 2022,
दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक रिपोर्ट में बताया है कि, भारत ने कोरोना काल में भारत सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से अत्यधिक गरीबी में वृद्धि के खतरे को बहुत ही अच्छे तरीके से संभाला है। इस दौरान गरीबी की दर एक फीसद से कम रही है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी (पीपीपी 1.9 प्रति व्यक्ति प्रति दिन से कम) 1 फीसदी से कम थी। और यही दर महामारी वर्ष 2020 के दौरान भी उस स्तर पर बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाइ), कोरोना महामारी के दौरान भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में किसी भी वृद्धि को रोकने में महत्वपूर्ण रही है।
आइएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएमजीकेएवाइ भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में किसी भी वृद्धि को रोकने के लिए महत्वपूर्ण तो थी ही पर गरीबों पर कोरोना के चलते आय में आई कमी को झेलने की शक्ति देने के लिए भी शानदार रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य पात्रता को इस दौरान दोगुना किया गया जिससे निचले तबके तक को फायदा हुआ। यह लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम , अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार के तहत कवर किए गए लोगों को प्रदान किया जा रहा है, जो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत शामिल हैं। केंद्रीय सरकार ने मार्च 2020 में लगभग 80 करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न चावल / गेहूं के वितरण की घोषणा की थी, जो कोरोना के मद्देनजर लिया गया फैसला था।
कोरोना महामारी के बीच मार्च 2020 में इस योजना में तेजी लाई गई थी और इसे पिछले साल नवंबर में मार्च 2022 तक चार महीने (दिसंबर 2021-मार्च 2022) के लिए बढ़ा दिया गया था। इस योजना में नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न के अलावा प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                 
                