उच्चतम न्यायालय ने ‘धर्म संसद’ के विवादित भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए स्वीकृति प्रदान की।

देहरादून 10 जनवरी 2022,
दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के विवादित भड़काऊ भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सत्यमेव जयते की जगह अब शस्त्रमेव जयते की बातें हो रही हैं। एफआईआर दर्ज हुई लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने मामले पर सुनवाईकाआश्वासन दिया है।

धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो वाइरल हुआ है। धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में धर्म विशेष समुदाय की आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी ।देश में किसी भी दशा में उनका प्रधानमंत्री न बने।

हरिद्वार में वर्ग विशेष के खिलाफ दिए गए भड़काऊ भाषणों के मामले में पूर्व सेनाध्यक्षों समेत कई मशहूर लोगों द्वारा कार्रवाई की मांग करने के एक दिन बाद भारतीय विदेश सेवा के अनेक पूर्व अधिकारियों ने खुला पत्र लिखा था। पूर्व अधिकारियों ने कहा था कि किसी भी तरह की हिंसा के आह्वान की निंदा करते समय धर्म, जाति, क्षेत्र या वैचारिक मूल का लिहाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ सतत निंदा अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निंदा सभी के लिए होनी चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए।

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