देहरादून 20अक्टूबर 21,
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने रौद्र रूप दिखाया है। बाढ़ और भूस्खलन में मंगलवार को कम से कम 42 लोगों की मौत हुई जिसके बाद यहां मृतकों की संख्या 47 हो गई है।भू-स्खलन के कारण मलबे के नीचे अनेक लोगों के लंबे होने की संभावना है।डीआईजी नीलेश आनंद भरने ने अकेले कुमाऊं क्षेत्र में हताहतों की संख्या 40 को पार करने की पुष्टि की है।
कुमाऊं क्षेत्र में आई भीषण आपदा में 42 लोगों की मौत के साथ, आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है सोमवार को पांच लोगों की मौत हुई थी। 42 ताजा मौतों में से, नैनीताल जिले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में छह-छह और पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में एक-एक लोग मारे गए।
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि, खराब मौसम के बीच घंटों की मशक्कत के बाद शाम को नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया। नैनीताल में सैकड़ों सैलानी फंसे हुए हैं। सरकार ने होटल मालिकों से सैलानियों की मदद करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और बाद में प्रभावित लोगों से मिलकर कर नुकसान का आंकलन किया।
उन्होंने पिछले दो दिनों में राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। मुख्यमंत्री धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र के बारिश प्रभावित इलाकों के दौरे पर गए उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कें, पुल और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
भीषण आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 अक्टूबर तक अपने समस्त सरकारी कार्य क्रम स्थगित कर दिए हैं।