एमएसडीई और इसरो, अंतरिक्ष विभाग के 4,000 तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा।
देहरादून 15 दिसंबर 2022,
दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष विभाग के तकनीकी कर्मियों को उन्नत करने के लिए एक समझौता किया है । समझौता के तहत मंत्रालय अगले 5 वर्षों में इसरो के 4,000 तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा।
बेंगलुरू स्थित एनएसआईटी में प्रशिक्षण कार्यक्रम हाइड्रोलिक्स के विषय पर ‘औद्योगिक हाइड्रोलिक और नियंत्रण’ पाठ्यक्रम से शुरू किया गया है। द्रव शक्ति प्रणाली, हाइड्रोलिक्स व न्यूमेटिक्स और बुनियादी हाइड्रोलिक नियमों के बीच अंतर, हाइड्रोलिक प्रणाली घटक, हाइड्रोलिक संकेतक, प्रवाह नियंत्रण वाल्व्स, दबाव विनियमन की अवधारणा, दबाव नियंत्रक वाल्व्स, हाइड्रोलिक संचायक और व्यावहारिक प्रदर्शन शामिल हैं। मुंबई स्थित एनएसटीआई ने ‘औद्योगिक स्वचालन (ऑटोमेशन)’ पाठ्यक्रम और त्रिवेंद्रम स्थित एनएसटीआई ने ‘सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट’ पाठ्यक्रम के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पाठ्यक्रम की अवधि 5 दिन है। इसके तहत हर एक एनएसटीआई में 20 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि उभरती प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ भारत का अंतरिक्ष इकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस तरह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम काफी अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए इसरो के कर्मी उद्योग के रुझानों के साथ अपडेट रहने के अलावा उभरती हुई तकनीकों को एकीकृत और समझने में सक्षम होंगे। इससे न केवल कर्मियों को लाभ होगा, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में अपनी प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी।
अब तक आरडीएसडीई के क्षेत्रीय निदेशक बीएन श्रीधर के मार्गदर्शन में बेंगलुरू एनएसटीआई में छह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे किए जा चुके हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न पाठ्यक्रम हैं। इनमें एयरोस्पेस सीएनसी मशीनिंग, गुणवत्ता निरीक्षण, उन्नत वेल्डिंग तकनीकें, पीएलसी ऑटोमेशन, इलेक्ट्रो-न्यूमेटिक्स, इंजीनियरिंग निरीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, पम्प और वाल्वों का परिचालन व रखरखाव और उत्पादन तकनीकों में विनिर्माण प्रक्रियाएं व तकनीक शामिल हैं।
