केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलते मामलों को लेकर लोगों को सलाह दी टीके की दोनों खुराक और मास्क अहम हैं ।
 
        Editorial use only. HANDOUT /NO SALES Mandatory Credit: Photo by CDC HANDOUT/EPA-EFE/Shutterstock (10583629a) A handout illustration made available by the Centers for Disease Control and Prevention (CDC), shows 'ultrastructural morphology' of the coronaviruses, issued 15 March 2020. The novel coronavirus, named Severe Acute Respiratory Syndrome coronavirus 2 (SARS-CoV-2) was identified as the cause of an outbreak of respiratory illness first detected in Wuhan, China, in 2019. The illness caused by this virus has been named coronavirus disease 2019 (COVID-19). Coronavirus Disease 2019, Arlington, USA - 12 Mar 2020
देहरादून 11 दिसंबर 2021,
दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलते मामलों को लेकर लोगों को सलाह दी है कि, मास्क के इस्तेमाल में लापरवाही बरतना जोखिम भरा और अस्वीकार्य है। ऐसा करके लोग अपने साथ ही दूसरों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं।
देश में अब ओमिक्रॉन वेरिएं के मामले बढ़ कर 32 हो गए हैं। महाराष्ट्र में 7 नए मामलों में से 4 पुणे जिले से हैं. सभी पीड़ित नाइजीरिया से आई भारतीय मूल की 3 महिलाओं के संपर्क में आए थे, जिनमें पहले इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। गुजरात में भी ओमिक्रॉन के दो नए मामले सामने आए हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ के आकलन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के पहले की अवधि की तुलना में कम हो गया है। यह अपने आप में बहुत खतरनाक है।
उन्होंने बताया कि अभी मास्क हटाने का वक्त नहीं आया है। इस तरीके से हम फिर से खतरे की स्थिति में आ सकते हैं। सुरक्षा क्षमता के नजरिए से हम निचले, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर हैं। हमें यह याद रखना होगा कि टीके की दोनों खुराक और मास्क अहम हैं। डॉक्टर वी के पॉल ने कहा कि देश के जिन इलाकों में कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमें अपनी और आसपास के लोगों की कोविड-19 से रक्षा करने के लिए कोविड कि ओमिक्रॉन के मामले सभी वेरिएंट के मामलों के 0.04 प्रतिशत से भी कम हैं। सभी मामले में हल्के लक्षण देखे गए हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सीय रूप से ओमीक्रोन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर अभी तक बोझ नहीं पड़ रहा है लेकिन सावधानी बरतनी होगी।
देशभर में सामने आ रहे कोविड मामलों को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोनावायरस की रफ्तार में कमी आई है. लेकिन कुछ राज्यों में अभी भी कोविड की रफ्तार तेज नजर आ रही है। ऐसे में केंद्र सरकार इसे लेकर सतर्क नजर आ रही है।
केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखकर जिन जिलों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन पर नजर रखने को कहा है। एक बार फिर देश में कोविड को लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है, क्योंकि लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को लिखा है कि 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 27 जिलों में पिछले दो हफ्तों से कोविड के अधिक संख्या में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ऐसे में इन जिलों पर बहुत ही बारीकी से नजर रखने की जरूरत है. भूषण ने कहा है कि कोविड कलस्टर के मामले की पहचान होने पर रणनीतिक उपाय करने होंगे. इसमें नाइट कर्फ्यू, लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगाना, विवाह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को कम करना शामिल है।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                 
                