देहरादून 12 अप्रैल 2022 ,
दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में आयोजित देश के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन, “अमृत समागम”, का शुभारंभ किया।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने सम्मेलन में कहा कि,आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने की कल्पना रखी थी और ये एक बहुद्देश्यीय अमृत महोत्सव होना चाहिए। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष से लेकर आज़ादी के शताब्दी वर्ष तक के 25 वर्षों के कालखंड को प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के अमृत काल के रूप में मनाने का फ़ैसला लिया है।
ये 25 साल भारत को सर्वोच्च स्थान पर बिठाने के लिए 130 करोड़ जनता का सामूहिक प्रयास कैसा हो और इसका परिणाम कैसे आए, इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने इस 25 साल के कालखंड को अमृत काल कहा है। ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक और सरकार का हर विभाग एक लक्ष्य तय करे और संकल्प ले जो देश को आगे बढ़ाए, ये संकल्प लेने का वर्ष है और ये 25 साल का अमृत काल इन संकल्पों को सिद्ध करने का काल है।
गृह मंत्री अमित शाह ने स्मरण कराते हुए बताया कि,12 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत भारत की आज़ादी की काशी गांधी आश्रम से की थी, उसके बाद देश के हर कोने में 25000 से ज़्यादा कार्यक्रम हुए हैं।आज़ादी के 75 साल कई सारी उपलब्धियों के साल हैं और आज़ादी से लेकर अब तक भारत को वैश्विक मंच पर प्रथम पंक्ति में बिठाने में हम सफल हुए हैं। हर गांव और राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाना हम सुनिश्चित करें, इसमें जितने लोग, विशेषकर युवा, सम्मिलित होंगे तो शताब्दी के वर्ष में देश को विश्व में शीर्ष स्थान पर बिठाने में उनकी ऊर्जा ही काम आएगी।
उन्होंने 25 साल बाद कोई हो ना हो, देश तो होगा ही और देश को आगे बढ़ना चाहिए और इस बड़ी कल्पना के साथ देश के प्रधानमंत्री जी ने इस संकल्प यात्रा का विचार किया है और हम सबको, पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर, इस संकल्प यात्रा को सफल बनाना चाहिए।
एक बच्चा अगर आज अपने आप को आज़ादी के संघर्ष के साथ जोड़ लेता है तो पूरे जीवन वो भारत के विकास के प्रति समर्पित रहेगा, भारत की नई पीढ़ी को आज़ादी और देश के साथ जोड़ने का ये स्वर्णिम अवसर है। मेरा गांव, मेरी धरोहर एक ऐसा कार्यक्रम है कि देश में 6.5 लाख वर्चुअल संग्रहालय बनाने का जो हमारा कार्यक्रम है, इसके साथ देश के ज़िलों को जोड़ना होगा।
आज से लेकर कार्यक्रम की समाप्ति तक, हमें जनजागृति और जनता की भागीदारी, दोनों बढ़ाने के लिए आगे काम करना होगा। आने वाले दिनों में हर घर झंडा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉजिटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- ये सारे कार्यक्रम जनभागीदारी को सुनिश्चित करने वाले हैं
मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि हर घर झंडा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉज़िटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर- इन सभी कार्यक्रमों की जानकारी लेकर अपने-अपने राज्यों में वो सफल हो इसके लिए हम आगे बढ़ें। अगर 130 करोड़ नागरिक एक-एक व्यक्तिगत संकल्प ले जो अपने लिए ना भी हो, किसी दूसरे के लिए, गांव के दलित, ग़रीब, अनपढ़ व्यक्ति के लिए हो, तो 130 करोड़ संकल्पों का यह संपुट देश को महान बनाने के लिए बहुत बड़ा काम कर सकता है।