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केन्‍द्रीय बजट 2022-23 का सार, शेष भाग..... - Separato Spot Witness Times
अर्थ जगत

केन्‍द्रीय बजट 2022-23 का सार, शेष भाग…..

शेष भाग….

केन्‍द्र सरकार राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) टीयर-I में अपने कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत का योगदान करती है। इसे कर्मचारी के आय की गणना करने में कटौती के रूप में स्‍वीकृत किया गया है। हालांकि, राज्‍य सरकार के कर्मचारियों के मामले में ऐसे कटौती वेतन के 10 प्रतिशत की सीमा तक ही स्‍वीकृत की गई है। बजट में केन्‍द्र और राज्‍य सरकार दोनों के कर्मचारियों के प्रति समान व्‍यवहार करने के लिए राज्‍य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस खाते में नियोक्‍ता के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव किया गया है।

31.03.2022 से पहले स्‍थापित पात्र स्‍टार्टअप्‍स को निगमन से दस वर्षों में से तीन क्रमिक वर्षों के लिए कर प्रोत्‍साहन दिया गया था। कोविड महामारी को देखते हुए बजट में कर प्रोत्‍साहन उपलब्‍ध कराने के लिए पात्र स्‍टार्टअप के निगमन की अवधि और एक वर्ष यानी 31.03.2023 तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव दिया गया है।

घरेलू कंपनियों के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्‍पर्धी कारोबारी परिवेश कायम करने के लिए सरकार द्वारा नव-निगमित घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत कर की रियायती कर व्‍यवस्‍था लागू की गई थी। केन्‍द्रीय बजट में धारा 115खकख के अंतर्गत विनिर्माण या उत्‍पादन के आरंभ करने की अंतिम तिथि को एक वर्ष यानी 31 मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक रहने का प्रस्‍ताव दिया गया है।

वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों में अंतरणों में असाधारण बढ़ोतरी हुई है। इन अंतरणों की परिमाण और बारम्‍बारता के कारण यह आवश्‍यक हो गया है कि इसके लिए कए विशिष्‍ट कर व्‍यवस्‍था का उपबंध किया जाए। इसके अनुरूप वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए बजट में कर उपबंध का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके लिए किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्‍तांतरण से हुई किसी भी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लिया जाएगा। अधिग्रहण की की लागत के सिवाय ऐसी आमदनी का परिकलन करते समय किसी व्‍यय या भत्‍ते के संदर्भ में किसी भी प्रकार की कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्‍त, वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्‍तांतरण से हुई हानि किसी अन्‍य आमदनी के प्रति समंजित नहीं की जा सकती है। इसके अतिरिक्‍त, अंतरण विवरणों को दर्ज करने के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्‍तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक मौद्रिक सीमा से अधिक, ऐसे प्रतिफल पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस लेने के लिए भी प्रस्‍ताव किया गया है।

त्‍वरित मुकदमा प्रबंधन की नीति आगे बढ़ाते हुए बजट में यह प्रस्‍ताव किया गया है कि यदि किसी निर्धारिती के मामले में कानून का एक प्रश्‍न, किसी भी मामले में अधिकारिता वाले उच्‍च न्‍यायालय या उचचतम न्‍यायालय के समक्ष लंबित कानून के प्रश्‍न के सदृश है तो विभाग द्वारा इस निर्धारिती के मामले में आगे अपील दायर करना तब तक के लिए अस्‍थागित कर दिया जाएगा जब तक कि वैसे कानून के प्रश्‍न पर अधिकारिता प्राप्‍त उच्‍च न्‍यायालय या उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा निर्णय न ले लिया जाए।

बजट में यह भी प्रस्‍ताव दिया गया है कि अपतटीय व्‍युत्‍पन्‍नी लिखितों, या किसी अपतटीय बैंकिंग यूनिट द्वारा काउंटर पर निर्गत व्‍युत्‍पन्नियों से अनिवासी को हुई आमदनी, रॉयल्‍टी से हुई आमदनी और जहाज को पट्टे पर देने के व्‍याज और आईएफएससी में पोर्टफोलियों मैनेजमेंट सेवाओं से प्राप्‍त आमदनी, विशिष्‍ट शर्तों के अधीन कर से मुक्‍त होगी।

बजट में यह भी स्‍पष्‍ट किया गया है कि कारोबार व्‍यय के तौर पर आय और लाभों पर कोई शुल्‍क नहीं लिया जाएगा।

कर का भुगतान न करने वाले लोगों के मामले में वित्‍त मंत्री ने प्रस्‍ताव दिया कि तलाशी या छानबीन अभियान के दौरान पता चली किसी भी अघोषित आय को किसी भी प्रकार हानि या नुकसान के रूप में स्‍वीकृति नहीं दी जाएगी।

बजट के मुताबित विशेष आर्थिक क्षेत्रों के सीमा-शुल्‍क प्रशासन में सुधारों को कार्यान्वित किया जायेगा और यह पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी से युक्‍त होंगे तथा जोखिम आधारित जांच के साथ अत्‍यधिक सुविधा पर ध्‍यान देने के साथ ये सीमा-शुल्‍क राष्‍ट्रीय पोर्टल पर संचालित होंगे। यह सुधार 30 सितम्‍बर, 2022 से क्रियान्वित होंगे।

पूंजीगत वस्‍तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने के लिए और 7.5 प्रतिशत का साधारण प्रशुल्‍क अधिरोपित करने का प्रस्‍ताव है। बजट में कहा गया है कि उन उन्‍नत मशीनरियों पर कतिपय छूट बनी रहेगी जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है। निविष्टियों, जैसे कि विशेषीकृत कॉस्टिंग्‍स, बॉल स्‍क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछ छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्‍तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्‍साहित किया जा सके।

बजट में 350 से अधिक छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्‍ताव है। इनमें कतिपय कृषि उत्‍पाद, रसायन, वस्‍त्र, मेडिकल उपकरण और ड्रग्‍स एवं औषधियां शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्‍त घरेलू क्षमता मौजूद है। आगे, एक सरलीकरण उपाय के रूप में कई रियायती दरें, इन्‍हें विभिन्‍न अधिसूचनाओं के माध्‍यम से विहित करने के बजाय, सीमा शुल्‍क प्रशुल्‍क अनुसूची में ही समाविष्‍ट किया जा रहा है।

रत्‍न एवं आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए काटे एवं तराशे गए हीरे एवं रत्‍न-पत्‍थरों पर सीमा शुल्‍क लगेगा। ई-कॉमर्स के माध्‍यम से आभूषण के निर्यात की सुविधा प्रदान करने के लिए एक सरल विनियामक फ्रेमवर्क इस साल के जून तक क्रियान्वित किया जाएगा। अल्‍प-मूल्‍यांकित इंटिमेशन आभूषण पर सीमा शुल्‍क को इस तरह निर्धारित किया जा रहा है कि इसके निर्यात पर कम से कम 400 रुपये प्रति किलोग्राम शुल्‍क अदा किया जाए।

बजट में कुछ अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण रसायन, नामत: मेथेनॉल, एसीटिक एसिड और पेट्रोलियम रिफाइनिंग के लिए हैवी फीड स्‍टॉक पर सीमाशुल्‍क कम किया जा रहा है, जबकि सोडियम साइनाइड पर शुल्‍क बढ़ाया जा रहा है क्‍योंकि इसके लिए पर्याप्‍त घरेलू क्षमता मौजूद है।

बजट में छातों पर शुल्‍क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है। छातों के कलपुर्जों पर छूट वापस ली जा रही है। कृषि क्षेत्र के लिए भी उन औजारों और साधनों पर छूट को युक्तिसंगत बनाया जा रहा है जो भारत में निर्मित की जाती है। पिछले वर्ष इस्‍पात स्‍क्रैप को दी गई सीमा शुल्‍क छूट और एक वर्ष के लिए दी जा रही‍ है ताकि एमएसएमई के द्वितीयक इस्‍पात उत्‍पादों, मिश्रित इस्‍पात की छड और हाई-स्‍पीड स्‍टील पर कतिपय डम्पिंग रोधी और सीवीडी को धातुओं की मौजूदा उच्‍च कीमत को देखते हुए व्‍यापक लोक हित में समाप्‍त किया जा रहा है।

बजट में निर्यातों को प्रोत्‍साहन देने के लिए वस्‍तुओं जैसे कि सजावटी सामान, ट्रिमिंग, फास्‍नर्स, बटन, जिपर, लाइनिंग सामग्री, विनिर्दिष्‍ट चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्‍स और पैकेजिंग बॉक्‍स, जिनकी हस्‍तशिल्‍प, कपड़े और धर्म परिधानों, लेदर फुटवियर और अन्‍य वस्‍तुओं के वास्‍तविक निर्यातकों को जरूरत पड़ सकती है, पर छूट दी जा रही‍ है।

बजट में कहा गया है कि ईंधन का सम्‍मिश्रण सरकार की प्राथमिकता है। ईंधन के सम्मिश्रण के लिए प्रयासों को प्रोत्‍साहित करने के लिए, असम्मिश्रित ईंधन पर 1 अक्‍तूबर, 2022 से दो रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्‍त विभेदक उत्‍पाद शुल्‍क लगेगा।

 

 

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