देहरादून 18 मई 2022,
उत्तराखंड: प्रदेश के पशुपालन , दुग्ध विकास गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग प्रोटोकॉल , कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन द्वारा नवनिर्मित दुग्ध उत्पाद “आंचल आइसक्रीम ” का देहरादून स्थित होटल पेसिफिक में शुभारंभ किया। जिसमें फेडरेशन के अध्यक्ष मुकेश बोरा , प्रबंधक निदेशक जगदीश अरोड़ा, प्रदेश के दुग्ध संघों के अध्यक्ष यूसीडीएफ के अधिकारी और अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन द्वारा नवनिर्मित दुग्ध उत्पाद “आंचल आइसक्रीम” के बाजार में पंहुच बनाने से डेयरी फेडरेशन की आय में वृद्धि के साथ उत्तराखंड के युवाओं का रोजगार का साधन बनेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने , दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दुग्ध सहकारी समिति के दुग्ध उत्पादकों को वर्तमान में उपलब्ध कराई जा रही प्रोत्साहन धनराशि को ₹4 प्रति लीटर से बढ़ाकर ₹5 प्रति लीटर किए जाने हेतु आश्वस्त किया। इसके साथ ही डेयरी विकास योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां के सचिवों के मानदेय पर्वतीय जिलों की समितियों हेतु ₹50 प्रति लीटर से बढ़ाकर ₹100 प्रति लीटर तथा मैदानी जिलों की समितियां को अभी तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिलती थी, उनको ₹50 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने दुग्ध संघ लालकुआँ-नैनीताल की दुग्धशाला का आधुनिकीकरण एवं क्षमता विस्तार हये जाने के लिये प्रोजेक्ट तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आइसक्रीम पुशकार्ट लांच करते हुए डेयरी विभाग तथा उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड को इस पहल के लिए बधाई देते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि अमूल की तरह ही उत्तराखंड के स्थानीय ब्रांड आंचल को भी डाइवर्सिफाइड करने तथा व्यवसायिक रूप से सफल बनाने की जरूरत है। हमें पूरा विश्वास है कि आमजन का भरोसा आंचल के अन्य उत्पादों की भांति ही आंचल आइसक्रीम पर भी कायम रहेगा। जल्द ही उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में आंचल आइसक्रीम को लांच किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों को ब्रांड के रूप में स्थापित करने की जरूरत है। आंचल जैसे स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करके ही राज्य में रिवर्स माइग्रेशन, स्वरोजगार तथा महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है ।
कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक द्वारा अवगत कराया कि उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फैडरेशन द्वारा वर्तमान में लगभग 500 ली० प्रतिमाह आईसक्रीम का निर्माण कराया जा रहा है जिसे भविष्य में बढ़ाकर 15000 ली० प्रतिमाह किया जायेगा। आचंल आईसक्रीम को विभिन्न फ्लेवर्स यथा वनीला, स्ट्राबेरी, बटर स्कॉच, चॉकलेट, टूटी-फ्रूटी केसर पिस्ता एवं विभिन्न प्रकार की कुल्फी तथा विभिन्न कैन्डीज को मिलाकर कुल 20 वैरियेन्ट में तैयार कराया जा रहा है जिनका पैकिंग साईज 50 मिली0 से 5000 मिली0 तक है।
आंचल आईकीम “शुद्ध दूध शुद्ध आईसक्रीम” जो प्रदेश की दुग्ध सहकारिताओं से एकत्रित शुद्ध दूध से निर्मित है जबकि बाजार में उपलब्ध अन्य अधिकाश ब्राण्ड द्वारा फ्रोजन डेजर्ट को आईसक्रीम के रूप में विक्रय किए जा रहा है। आचंल आईसक्रीम का विपणन ऐजेन्ट, आंचल मिल्क बूथ एव पुशकार्ट के माध्यम से किये जायेगा। इस हेतु 60 पुशकार्ट एवं 85 डीप फ्रीज उपलब्ध कराये जायेगें। प्रथम चरण अन्तर्गत प्रदेश के जनपद देहरादून एवं नैनीताल में आचंल आईसक्रीम का विपणन किया जायेगा जिसे बढ़ाकर न प्रदेश में विक्रय कराया जायेगा। दूध से निर्मित आईसक्रीम एक मूल्य वर्धित दुग्ध उत्पाद है जिससे प्राप्त होने वाले अतिरिक्त लाभ को दुग्ध संघों के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों में लाभांश के रूप में वितरित किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव डेयरी विभाग डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड जयदीप अरोड़ा, अध्यक्ष यूसीडीएफएल मुकेश बोरा तथा डेयरी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा स्कूली बच्चे मौजूद थे।
 
		