देहरादून 22 जनवरी 2022,
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा कई जिलों के जिलाधिकारियों से संवाद किया है। बैठक के बाद पीएम मोदी ने सभी जिलाधिकारियों को संबोधित भी किया है। सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने जिले में होने वाली समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ बजट बढ़ता रहा, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए। समय के साथ इन जिलों के साथ पिछड़े जिलों का टैग लगा दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से आज आकांक्षी जिले गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भी मानते हैं कि उनके राज्यों में आकांक्षी जिलों ने कमाल का काम किया है। पीएम मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद और एक भावुक जुड़ाव भी बहुत जरूरी है। एक तरह से गवर्नेंस का टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप फ्लो होना आवश्यक है।
आकांक्षी जिलों में हुए कार्यों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो काम हुआ है, वो बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय है। पिछले चार सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गाँव तक बिजली पहुंची है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने, अलग-अलग विभागों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है। जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिलों में करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है। इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है। इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए, रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं। आकांक्षी जिलों में देश की पहली अप्रोच रही कि इन जिलों की मूलभूत समस्याओं को पहचानने पर खास काम किया गया। इसके लिए लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में सीधे पूछा गया, उनसे जुड़ा गया।
डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है।