देहरादून 08 अप्रैल 2023,
दिल्ली: देश में डेयरी उत्पादों मैं मांग की अपेक्षा आपूर्ति कम होने के कारण डेयरी सहकारी समितियों द्वारा डेयरी उत्पादों का आयात करने की मांग की जा रही है। डेयरी व्यवसाय देश में लाखों डेयरी किसानों के लिए सतत रूप से आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है। यही नहीं, सरकार की सभी योजनाओं/कार्यक्रमों का उद्देश्य इस स्रोत को और भी अधिक मजबूत करना होता है। जिससे पशुपालकों की आर्थिकी मजबूत बनी रहे।

कोविड-19 महामारी के बाद पौष्टिक, सुरक्षित और स्वच्छ दूध एवं दुग्ध उत्पादों की मांग में वृद्धि की वजह से डेयरी क्षेत्र में मांग की अपेक्षा आपूर्ति कम रही है। बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ-साथ इस तथ्य पर विचार करते हुए कि आगामी ग्रीष्म ऋतु के सुस्त सीजन में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है। इसके दृष्टिगत कई डेयरी सहकारी समितियों की ओर से संरक्षित डेयरी उत्पादों जैसे कि मिल्क फैट और पाउडर के आयात की मांग की जा रही है।
इसे ध्यान में रखते हुए एनडीडीबी भारत सरकार के साथ मिलकर मांग और आपूर्ति की समूची स्थिति की निरंतर निगरानी करता रहा है। चूंकि आयात की प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में समय पर सटीक प्रबंधन करने के लिए इनका आवश्यक स्टॉक पहले से ही कर लेने संबंधी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
आवश्यकता पड़ने पर गर्मियों के सीजन में इनकी मांग को पूरा करने में डेयरी सहकारी समितियों के लिए स्थिति को सहज बनाने में मदद के लिए आयात किया जा सकता है। हालांकि, उस स्थिति में भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका इंतजाम केवल एनडीडीबी के माध्यम से ही किया जाए और उचित ढंग से आंकलन करने के बाद जरूरतमंद यूनियनों को बाजार मूल्य पर स्टॉक दिया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बाजार में हालात असामान्य न हो और हमारे डेयरी किसान के हितों की रक्षा हो, जो सरकार द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय में सर्वोपरि और केंद्रीय हैं।

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