देहरादून 21दिसंबर 2021,
दिल्ली: राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध और हंगामे के बीच चुनाव सुधार से जुड़े ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021′ को ध्वनिमत से मंजूर कर लिया है। इससे पूर्व लोकसभा ने सोमवार को ही इसनिर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ को ध्वनिमत से मंजूर कर लिया है। इससे पूर्व लोकसभा ने सोमवार को ही इस विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी थी।
सरकार का दावा है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़कर फर्जी मतदान रोकने में मदद मिलेगी। लेकिन, विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा कर दिया है. विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि सरकार विरोधी वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाने के उद्देश्य से यह नरेंद्र मोदी की सरकार यह बिल लायी है.
विपक्षी दलों के सांसदों ने इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तथा संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया. संसद में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम, आरएसपी, बसपा जैसे दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को विचार के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की.
दूसरी तरफ, सरकार इसे चुनाव सुधार से जुड़ा महत्वपूर्ण बिल बता रही है. सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण न करा सके तथा फर्जी तरीके से मतदान को रोका जा सके।
पूर्व में लागू कानून में एक जनवरी को पंजीकरण संबंधी एक ही ‘कट ऑफ’ डेट है। अब पंजीकरण के चार कट ऑफ डेट एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर होगी। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर सकेंगेआधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने वाले चुनाव सुधार संशोधन में आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने प्रावधान है।