देहरादून 06 दिसंबर 2021,
दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं रूस के जनरल सर्गेइ शोइगु ने बैठक में सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाने सहित सामरिक सहयोग में वृद्धि करने के तरीकों को लेकर वार्ता की । भारत और रूस ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में छह लाख से अधिक एके-203 असाल्ट राइफलों के संयुक्त निर्माण के लिए एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए और दस वर्ष के लिए सैन्य सहयोग पर एक अन्य करार भी किया। भारतीय सशस्त्र बलों के लिए राइफलों का निर्माण करीब 5000 करोड़ रूपये की लागत से किया जाएगा। सैन्य सहयोग पर एक समझौता वर्तमान रूपरेखा के नवीनीकरण को लेकर है।
ये समझौते भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीक संबंधी आयोग (आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी) की 20वीं बैठक के दौरान किए गए ।
दोनों पक्षों ने छोटे शस्त्रों की कालश्निकोव श्रृंखला के निर्माण के लिए किए गये समझौते में संशोधन करने वाले एक करार पर हस्ताक्षर किया। मूल समझौता फरवरी 2019 में किया गया था।
भारत और रूस में चार समझौतों में सबसे महत्वपूर्ण करार इंडिया-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरपीएल) के माध्यम से 6,01,427 एके-207 राइफलों के निर्माण को लेकर है।
बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में सिंह ने रूस को भारत का दीर्घकालिक विशेष एवं अधिकार संपन्न सामरिक भागीदार करार दिया और कहा, उनके ”संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा बहुपक्षवाद, वैश्रविक शांति एवं समृद्धि, आपसी समझ एवं विश्वास पर आधारित हैं।” उन्होंने रूस द्वारा भारत को दिये जाने सशक्त सहयोग की सराहना की और और इस बात पर बल दिया कि करीबी सहयोग किसी अन्य देश को लेकर लक्षित नहीं है। उन्होंने
आशा व्यक्त की कि सहयोग से क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी तथा रक्षा सहयोग भारत-रूस भागीदारी के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा, ”भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीकी आयोग पिछले दो दशक से एक सुस्थापित तंत्र है।”
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच होने जा रही शिखर बैठक भारत एवं रूस के बीच विशेष एवं अधिकार प्राप्त भागीदारी की गहराई एवं महत्व को उभरती हुई भूराजनीतिक परिस्थितियां एक बार फिर से पुष्ट करती है।