देहरादून नवंबर
लद्दाख: रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बीआरओ ने पूर्वी लद्दाख के महत्वपूर्ण गांव डेमचोक में एक ब्लैक टॉप्ड सड़क का निर्माण किया है, जो क्षेत्र की स्थानीय आबादी के लिए एक वरदान होगी। यह सड़क लद्दाख में सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को तथा पर्यटन को बढ़ावा देगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सड़क लगभग 15 किलोमीटर लंबी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के बुनियादी ढांचे के विकास में सरकार के फोकस को उजागर करती है।
उमलिंगला दर्रे पर 19024 फीट पर, दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर वाहन चलाने योग्य सड़क बनाने और ब्लैक टॉपिंग के लिए सीमा सड़क संगठन की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
महानिदेशक सीमा सड़क लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी को मंगलवार को इस उपलब्धि के लिए उमलिंगला दर्रे पर 19024 फीट पर, दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर वाहन चलाने योग्य सड़क बनाने और ब्लैक टॉपिंग के लिए सीमा सड़क संगठन की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एक वर्चुअल समारोह में यूनाइटेड किंगडम स्थित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाली सड़क के निर्माण के लिए बीआरओ की उल्लेखनीय उपलब्धि को मान्य किया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा संचालित चार महीने लंबी प्रक्रिया में पांच अलग-अलग सर्वेक्षकों ने इस दावे की पुष्टि की है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 52 किलोमीटर लंबी चिसुमले से डेमचोक टरमैक सड़क 19024 फीट ऊंचे उमलिंगला दर्रे से होकर गुजरती है और बोलीविया में एक सड़क के पिछले रिकॉर्ड से बेहतर है, जो ज्वालामुखी उटुरुंकु से 18,953 फीट पर जुड़ती है. उमलिंगला दर्रा सड़क विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत की उपलब्धि में एक और मील का पत्थर है क्योंकि इसका निर्माण माउंट एवरेस्ट के उत्तर और दक्षिण बेस कैंप से अधिक ऊंचाई पर किया गया है जो क्रमशः 16,900 फीट और 17,598 फीट की ऊंचाई पर हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने उमलिंगला दर्रे के लिए सड़क निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों की चर्चा की है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में तापमान -40 डिग्री तक गिर जाता है। और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से 50 प्रतिशत कम रहता है। यहां पर मानवीय संकल्प और मशीनों की प्रभावकारिता दोनों का परीक्षण होता है।