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यूक्रेन में रूस द्वारा की गई एक पक्षीय कार्यवाही , यूएन चार्टर और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस। - Separato Spot Witness Times
अंतरराष्ट्रीय समाचार

यूक्रेन में रूस द्वारा की गई एक पक्षीय कार्यवाही , यूएन चार्टर और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस।

देहरादून 23 फरवरी 2022,

न्यूयार्क: रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता का हनन बताया है।संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन की संप्रभुता, राजनैतिक स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में साथ खड़ा है। उन्होंने युद्धविराम और क़ानून के राज को फिर से स्थापित किये जाने की अपील की है। यूक्रेन के लोगों का अपने मानवीय अभियानों व मानवाधिकारों की रक्षा के प्रयासों के ज़रिए हमारा समर्थन लगातार जारी रहेगा। उन्होंने सैन्य कार्रवाई के बगैर इस संकट को सुलझाने के लिये हरसंभव कोशिश करने का संकल्प दोहराया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने मंगलवार को न्यूयार्क मुख्यालय में मीडिया को बताया कि मौजूदा संकट पूरी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक परीक्षा की तरह है, जिसमें पूरी दुनिया को खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि संपर्क रेखा पर युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं और जमीन पर हालात और ख़राब होने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि, रूस द्वारा की गई एक पक्षीय कार्यवाही , यूएन चार्टर और उसके सिद्धांतों के खिलाफ है और यूएन के मैत्रीपूर्ण संबंध घोषणापत्र की भावना के भी विपरीत हैं। यह सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित मिंस्क समझौतों पर घातक चोट है। उन्होंने सभी पक्षों से ऐसी कार्रवाई व बयानों से परहेज़ बरतने का आग्रह किया है जिनसे हालात और बिगड़ सकते हैं। सैन्य कार्रवाई के बजाय , संवाद और बातचीत के जरिये ही समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।

शांति सेनाओं के इस्तेमाल को यूएन ने जायज और आम लोगों की रक्षा करने की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाला बताया है और कहा है कि यूएन को इन शांति सैनिकों पर गर्व है जो आम लोगों की हिफाजत के लिए अपनी शहादत देते हैं। लेकिन उन्होंने रूस पर यह कहकर गंभीर टिप्पणी की ‘जब किसी एक देश की सैन्य टुकड़ियां, किसी अन्य देश के क्षेत्र में बिना उसकी अनुमति के प्रवेश करती हैं, तो वे निष्पक्ष शांतिरक्षक नहीं हैं और उन्हें किसी भी हाल में शांतिरक्षक नहीं कहा जा सकता।’

 

 

 

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