देहरादून 01 दिसंबर 2022,
दिल्ली: मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले मत्स्यपालन विभाग ने “हिमीकृत मछली और मत्स्य उत्पादों को बढ़ावा” विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। जतीन्द्र नाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग भारत सरकार ने इस वेबिनार की अध्यक्षता की और इसमें उद्यमियों, मत्स्य संघों, मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार के अधिकारियों, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन अधिकारियों, राज्य कृषि, पशु चिकित्सा और मत्स्य विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों, मत्स्य अनुसंधान संस्थानों, मत्स्य सहकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, छात्रों और पूरे देश के मत्स्यपालन व्यवसाय से जुड़ी संस्थाओं और विभागों ने हिस्सा लिया।
वेबिनार का शुभारंभ सागर मेहरा, संयुक्त सचिव अंतर्देशीय मात्स्यिकी विभाग ने किया, उन्होंने देश में मात्स्यिकी क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, डीओएफ की प्रमुख योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और हाशिए पर रहनेवाले समुदायों के लिए पोषण संबंधी आवश्यकता सुनिश्चित करने और घरेलू स्तर पर मछली व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए घरेलू मछली की खपत में वृद्धि का महत्व जैसे विषयों पर संक्षेप रूप में चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि वैश्विक मत्स्य बाजारों में अनिश्चितता होने पर सुनिश्चित क्षेत्रीय विकास के लिए घरेलू मछली खपत को बढ़ावा देने के लिए भारत में एक जोखिम शमन योजना होनी चाहिए।
वेबिनार में, जतीन्द्र नाथ स्वैन, सचिव, मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने उपभोक्ता आधार को व्यापक बनाने के लिए हिमीकृत मछली और मत्स्य उत्पादों को सुलभ बनाने और महत्वपूर्ण रूप से हिमीकृत मछली और मत्स्य उत्पादों को बेचने के लिए उपभोक्ताओं में विश्वास कायम करने की दिशा में काम करने पर प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र में, उद्योग विशेषज्ञ जी. एस. रथ (वरिष्ठ महाप्रबंधक, बिक्री और विपणन, फाल्कन मरीन एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, ए जे थारकन अध्यक्ष, अमलगम ग्रुप ऑफ कंपनीज, और मैथ्यू जोसेफ सीओओ और सह-संस्थापक, फ्रेश टू होम को बाजार के रुझानों, उपभोक्ताओं की अंतर्दृष्टि और हिमीकृत मछली और मत्स्य उत्पादों के प्रसंस्करण में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों पर अपना विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया। वर्तमान समय के बाजार परिदृश्य और इसमें शामिल प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करते हुए, वक्ताओं ने उपभोक्ताओं में ताजी मछली की तुलना में हिमीकृत मछली की कम प्राथमिकता, खंडित आपूर्ति श्रृंखला, उपभोक्ता बाजार में हिमीकृच मछली और मत्स्य उत्पादों की कमी, उत्पाद उपलब्धता में कमी आदि से संबंधित जमीनी स्तर की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
इस वेबिनार का समापन डॉ. एस. के. द्विवेदी, सहायक आयुक्त (मत्स्य), डीओएफ ने अध्यक्ष, प्रतिनिधियों, अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव देकर किया।