बैंकॉक , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज थाईलैंड द्वारा आयोजित 6वें बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। शिखर सम्मेलन का विषय था – “बिम्सटेक: समृद्ध, लचीला और खुला”। इसमें शामिल नेताओं की प्राथमिकताओं और बिम्सटेक क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं के साथ-साथ वैश्विक अनिश्चितताओं के समय में साझा विकास सुनिश्चित करने में बिम्सटेक के प्रयासों पर व्यापक चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप में जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने समूह को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रधानमंत्री शिनावात्रा को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच बिम्सटेक को एक महत्वपूर्ण सेतु बताते हुए कहा कि, समूह क्षेत्रीय सहयोग, समन्वय और प्रगति के लिए एक प्रभावशाली मंच बन गया है। उन्होंने बिम्सटेक के एजेंडे और क्षमता को और मजबूत करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक में संस्थान और क्षमता निर्माण की दिशा में भारत के नेतृत्व वाली कई पहलों की घोषणा की। इनमें भारत में आपदा प्रबंधन, सतत समुद्री परिवहन, पारंपरिक चिकित्सा और कृषि में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण पर बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना शामिल है। श्री मोदी ने युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एक नए कार्यक्रम – बोधि [मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास के लिए बिम्सटेक] की भी घोषणा की, जिसके तहत पेशेवरों, छात्रों, शोधकर्ताओं, राजनयिकों और अन्य लोगों को प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में क्षेत्रीय आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए भारत द्वारा एक प्रायोगिक अध्ययन और क्षेत्र में कैंसर देखभाल के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम की भी पेशकश की। श्री मोदी ने अधिक क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण का आह्वान करते हुए, बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना और भारत में प्रत्येक वर्ष बिम्सटेक बिजनेस समिट आयोजित करने की पेशकश की।
प्रधानमन्त्री मोदी ने इस क्षेत्र को एक साथ लाने वाले ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई पहलों की घोषणा की। भारत इस वर्ष बिम्सटेक एथलेटिक्स मीट और 2027 में पहले बिम्सटेक खेलों की मेजबानी करेगा। जब समूह अपनी 30वीं वर्षगांठ मनाएगा। यह बिम्सटेक पारंपरिक संगीत समारोह की भी मेजबानी करेगा। क्षेत्र के युवाओं को करीब लाने के लिए प्रधानमंत्री ने युवा नेताओं के शिखर सम्मेलन, हैकाथॉन और युवा पेशेवर आगंतुक कार्यक्रम की घोषणा की। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पहलों की पूरी सूची यहाँ देखी जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के मौके पर बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील एवं समावेशी बांग्लादेश के प्रति भारत का समर्थन दोहराया। दोनों देशों के संबंधों के प्रति भारत के जन-केन्द्रित दृष्टिकोण को व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि दोनों देशों के बीच सहयोग से दोनों देशों के लोगों को ठोस लाभ हुआ है। उन्होंने बांग्लादेश के साथ व्यावहारिकता पर आधारित सकारात्मक एवं रचनात्मक संबंध बनाने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की।और नेपाल के बीच अद्वितीय और घनिष्ठ संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने भौतिक और डिजिटल संपर्क, जन – से – जन संपर्क और ऊर्जा के क्षेत्र में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के बीच बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
शिखर सम्मेलन के अवसर पर म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात के दौरान , श्री मोदी ने हाल ही में आए भूकंप में हुई तबाही पर संवेदना व्यक्त करते हुए इस कठिन समय में म्यांमार के बहनों और भाइयों को भारत की ओर से सहायता का आश्वासन दिया। दोनों नेताओं ने भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से कनेक्टिविटी, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे के विकास और अन्य क्षेत्रों पर चर्चा की।
भूटानके प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एक एक्स पोस्ट में लिखा।
मेरे अच्छे मित्र प्रधानमंत्री तोबगे के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। भारत और भूटान की मित्रता बहुत मजबूत है। हम कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं।