देहरादून, भारत आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। हालाँकि भारत को 1947 में औपनिवेशिक शासन से आज़ादी मिली थी, लेकिन भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 तक लागू नहीं हुआ था। संविधान को अपनाने के साथ ही भारत ने खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित कर दिया।
देहरादून में 76वां गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम परेड ग्राउंड में उत्तराखंड के राज्यपाल ले०ज०(सेनि) गुरमीत सिंह ने झंडा फहराया। इसके बाद भव्य परेड का आयोजन किया गया। इस परेड में सांस्कृतिक विविधता और विकास की झलकियां देखने को मिलीं। इसमें कलाकारों ने अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया, और राज्य के सुरक्षा बलों ने अपने सामर्थ्य का परिचय दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सशक्त, समृद्ध और विकसित भारत के लिए हम सभी को अपने दायित्वों का निर्वहन करना है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने सचिवालय के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे संविधान का मूलमंत्र समानता पर आधारित है। संविधान ने प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के हर प्रकार की स्वतंत्रता एवं सामानता का अधिकार प्रदान किया है। मेरा सभी से अनुरोध है कि गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर हम अपनी बेटियों को समानता का अधिकार देने का संकल्प लें। हमारे समाज को संविधान के आदर्शो तक ले जाने के लिए सभी को प्रतिज्ञा करनी होगी कि यदि हम अपने आसपास, परिवार या समाज में कहीं भी महिलाओं के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव देखे तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।