उच्चतम न्यायालय ने एनडीए में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिये सीटों के आरक्षण की मांग वाली हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई से इंकार किया।
 
        देहरादून 09 मार्च 2022
दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी “एनडीए” में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिये सीटों के आरक्षण की मांग वाली हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है , और कहा कि, ‘सामाजिक क्रांति रातोंरात नहीं होती, इसमें समय लगता है।’जस्टिस कौल ने कहा कि आप यहां नागरिक रोजगार के सिद्धांतों को लागू नहीं कर सकते। सशस्त्र बल एक समरूप इकाई हैं। आप उन्हें जाति के आधार पर अलग नहीं कर सकते।
शीर्ष अदालत ने भारतीय सशस्त्र बलों में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की पूर्व महिला कैडेटों को शामिल करने और उनकी तैनाती के निहितार्थ का अध्ययन करने के लिए केंद्र को जुलाई तक का समय दिया।
पीठ ने कहा कि फिलहाल वह इस स्तर पर अनुसूचित जाति/जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से निपटने नहीं जा रही है, बल्कि इन शिक्षण संस्थानों में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर ही विचार करेगी, जो अब तक सिर्फ लड़कों के लिए ही रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई को निर्धारित करते हुए कहा कि इस संबंध में किए जाने वाले अध्ययन का विवरण पेश किया जाए।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                 
                