देहरादून 23 जून 2022,
दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दो हफ्ते में 54 घंटे की पूछताछ पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मोदी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। प्रेस कांफ्रेंस में गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति पर दबाव बनाया कि विंड पावर प्रोजेक्ट का काम अडानी ग्रुप को दिया जाये।
श्रीलंका की इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की बोलती बंद क्यों है?
वल्लभ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी से तो 54 घंटे पूछताछ की। लेकिन श्रीलंका की इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड मामले में सन्नाटा क्यों है?” गौरव वल्लभ ने कहा, “श्रीलंका की सरकारी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने वहां की संसद में कहा कि हमारे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर मोदी जी ने दबाव डाला कि अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना का काम दिया जाए।
उन्होंने सवाल किया कि क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री प्राइवेट पार्टी को ठेका दिलाने के लिए बने है। क्या हमारे भारत जैसे महान देश के प्रधानमंत्री किसी कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। क्या प्रवर्तन निदेशालय और बाकी एजेंसियों ने इसपर जांच करना ठीक नहीं समझा? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक निजी व्यक्ति को फायदा क्यों पहुंचाना चाहते थे? एक निजी व्यक्ति के लिए एजेंट के रूप में कार्य करके प्रधानमंत्री ने भारत के गौरव को कम क्यों किया? उनकी क्या मजबूरी थी?
नेशनल हेराल्ड से जुड़े धन शोधन मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय ने 54 घंटे तक पूछताछ की। इसको लेकर देशभर में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय के सहारे केंद्र सरकार राहुल गांधी को डरा रही है।