एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत:उच्चतम न्यायालय।
देहरादून 11 अप्रैल 2023,
दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की पीठ ने तस्करी के एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि भारत में एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत है जिसके दुरुपयोग की काफी संभावना है और इसका इस्तेमाल दुर्लभतम मामलों में ही किया जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अदालतों को ऐसे कानूनों से उत्पन्न होने वाले मामलों का अत्यधिक सावधानी के साथ विश्लेषण करना चाहिए। जिससे सरकार की शक्ति के इस्तेमाल पर नियंत्रण एवं संतुलन बना रहे। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने सोने की तस्करी के एक मामले के आरोपी की हिरासत आदेश को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा, ”भारत में एहतियातन हिरासत कानून एक औपनिवेशिक विरासत है और इसके दुरुपयोग की बड़ी संभावना है। सरकार को मनमाना अधिकार प्रदान करने की क्षमता रखने वाले कानूनों की सभी परिस्थितियों में गंभीरता से समीक्षा की जानी चाहिए, और केवल दुर्लभतम मामलों में इनका उपयोग किया जाना चाहिए।”
