देहरादून 02 अगस्त 2023,
औषधि: घृत कुमारी या अलोवेरा या एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है। यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पायी जाती पर इसके निकट संबंधी अलो उत्तरी अफ्रीका में पाये जाते हैं। इसे सभी सभ्यताओं ने एक औषधीय पौधे के रूप में मान्यता दी है और इस प्रजाति के पौधों का इस्तेमाल पहली शताब्दी ईसवी से औषधि के रूप में किया जा रहा है। इसका उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
घृत कुमारी के अर्क का प्रयोग बड़े स्तर पर सौंदर्य प्रसाधन निर्माण में किया जाता है। इस अलावा घृत कुमारी मधुमेह के इलाज में काफी उपयोगी हो सकता है साथ ही यह मानव रक्त में लिपिड का स्तर काफी घटा देता है। लेकिन घृत कुमारी के औषधीय प्रयोजनों के प्रभावों की पुष्टि के लिये बहुत कम ही वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद है ।
एलोवेरा में औषधीय गुण होते हैं, इसमें विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड, कोलीन, बी1, बी2, बी3 और बी6, विटामिन बी12 पाए जाते हैं। इससे न सिर्फ आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं बल्कि बेहतरीन त्वचा पाने में भी मदद मिलती है।
गर्मी के मौसम में रोज रात को एलोवेरा जेल से अपने चेहरे की मसाज करते हैं तो इससे त्वचा चमकदार हो जाती है। इसके साथ ही यह त्वचा में कसाव लाने में भी मदद करता है। चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बे और पिंपल्स को भी दूर करने सहायक होता है। इतना ही नहीं, यह त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में भी मदद करता है। गर्मी के मौसम में जब भी आप घर से बाहर निकलें तो अपने चेहरे पर थोड़ा सा एलोवेरा जेल लगाएं। यह त्वचा को सूरज की हांनिकारक अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बचाता है। त्वचा को गहराई से हाइड्रेटेड रखता है। वहीं, एलोवेरा में एंटी-एजिंग गुण भी मौजूद होते हैं, जो त्वचा को बढ़ती उम्र के लक्षणों से बचाने में मदद करते हैं।