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प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने काॅप-28 में कहा: हम पर्यावरण की समृद्धि में अपनी समृद्धि की संस्कृति विकसित करेंगे, तभी प्रकृति यानि पर्यावरण की रक्षा हो पाएगी। - Separato Spot Witness Times
अंतरराष्ट्रीय समाचार

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने काॅप-28 में कहा: हम पर्यावरण की समृद्धि में अपनी समृद्धि की संस्कृति विकसित करेंगे, तभी प्रकृति यानि पर्यावरण की रक्षा हो पाएगी।

काॅप-28 में ‘ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम’ पर उच्च स्तरीय कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति, शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद और स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर-शोन का आभार व्यक्त किया।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने काॅप-28 में कहा कि, मैंने हमेशा महसूस किया है कि कार्बन क्रेडिट का दायरा बहुत ही सीमित है, और ये फिलॉसफी एक प्रकार से कमर्शियल एलिमेंट से प्रभावित रही है। मैंने कार्बन क्रेडिट की व्यवस्था में एक सामाजिक दायित्व का जो भाव होना चाहिए, उसका बहुत अभाव देखा है। हमें होलिस्टिक तरीके से नई फिलॉसफी पर बल देना होगा और यही ग्रीन क्रैडिट का आधार है।

प्रधानमंत्री ने भारत में संपन्न हुए जी-20 का जिक्र करते हुए कहा कि, भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता में सर्कुलेटरी स्ट्रेटेजी में वैश्विक सहयोग पर बल दिया है।आज इसे आगे बढ़ाते हुए, हम लीड-आईटी में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं।आज हम लीड-आईटी 2.0 लॉन्च कर रहे हैं ।

मानव जीवन में आम तौर पर, तीन प्रकार की चीजों का हम अनुभव करते हैं। हमारे स्वाभाविक जीवन में भी जो लोगो को हम देखते है, तो तीन चीजे हमारे नेचर की सामने आती है। एक प्रकृति, याने टैन्डेसी, दूसरी विकृति, और तीसरी संस्कृति। एक प्रकृति है, एक नेचुरल टैन्डेसी है, जो कहती है, की मैं पर्यावरण का नुकसान नहीं करूंगा। यह उसकी टैन्डेसी है। हम विकृति को त्यागकर, पर्यावरण की समृद्धि में अपनी समृद्धि की संस्कृति विकसित करेंगे, तभी प्रकृति यानि पर्यावरण की रक्षा हो पाएगी।

प्रधानमंत्री ने डिग्रेडेड वैस्ट लैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि, अगर हम ग्रीन क्रैडिट के कन्सेप्ट से चलेंगे तो पहले डिग्रेडेड वेस्ट लैंड की इनवेन्ट्री बनाई जाएगी। फिर उस भूमि का उपयोग कोई भी व्यक्ति या संस्था, वाॅलेन्ट्री प्लान्टेशन के लिए करेगी। हमारे यहाँ कहा जाता है, “प्रकृति: रक्षति रक्षिता” अर्थात् प्रकृति उसकी रक्षा करती है जो प्रकृति की रक्षा करता है। इस मंच से मैं आह्वान करता हूँ कि इस इनिशिएटिव से जुड़ें । साथ मिलकर, इस धरती के लिए, अपनी भावी पीढ़ियों के लिए, एक ग्रीनर क्लीनर और बैटरी फ्यूचर का निर्माण करें।

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