शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
राज्य सरकार इस लागत में 20 लाख रुपये का योगदान देती है और शेवनिंग इंडिया शेष 20 लाख रुपये का योगदान देती है, जिससे बच्चों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई में कुशल कौशल मिलता है। शेवेनिंग स्कॉलरशिप के लिए सफल छात्रों को उनकी नेतृत्व क्षमता और उत्कृष्टता के आधार पर चुना जाता है। शेवेनिंग ने दुनिया भर में कई कुलीन वर्ग से लीडर दिए हैं और परिवर्तन-निर्माताओं को तैयार किया है।
कार्यशाला में देहरादून के विभिन्न विश्वविद्यालयों (डीआईटी यूनिवर्सिटी, तुला इंस्टीट्यूट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, एमकेपी कॉलेज, श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी, हिमगिरी ज़ी यूनिवर्सिटी) के 100 छात्रों को लक्षित किया गया। आज आयोजित इस सहयोगात्मक कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा के अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सुसज्जित किया। इन छात्रों को नेतृत्व विकास, सॉफ्ट-कौशल वृद्धि और छात्रवृत्ति आवेदन रणनीतियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में कुलपति, डीआईटीयू जी. रघुरामा, प्रमुख, शेवनिंग स्कॉलरशिप, भारत और प्रद्युम्न बोरा, वरिष्ठ कार्यक्रम एवं संबंध प्रबंधक, शेवनिंग स्कॉलरशिप, पर्यावरण अर्थशास्त्री, वेल लैब्स अर्जुन शंकर द्वारा अपने विचार रखे तथा छात्र/छात्राओं को अपने-2 कार्यक्षेत्र के संघर्ष की जानकारी देते हुए छात्र/छात्राओं के सवालों का भी जवाब दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सैमुअल अर्नेस्ट रजिस्टर, डॉ. नवीन सिंघल, चीफ प्रॉक्टर और डीन एलुमनी रिलेशंस, अभिषेक सरकार मैनेजर सीडीसी विभाग, विभोर शर्मा, डॉ. सुकन्या शर्मा, पारुल कालिया और सुरेंद्र दत्त अवस्थी आदि भी उपस्थित थे।
शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
