देहरादून में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास से मनाया गया।
देहरादून में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर देहरादून के परेड ग्राउंड, बन्नू स्कूल रेसकोर्स, हिन्दू नेशनल स्कूल लक्ष्मण चौक, प्रेम नगर, शिवालिक स्कूल पटेल नगर सहित अन्य कई स्थानों पर में भी रावण दहन किया गया।

दशहरा असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है। इस त्योहार की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह असत्य पर सत्य, अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। भगवान राम ने इस दिन रावण को पराजित किया था और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है। इसी प्रकार, देवी दुर्गा ने दशहरे के दिन महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था जो शक्ति और साहस का प्रतीक है।
दशहरा पर्व के अवसर पर परेड ग्राउंड देहरादून में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। ‘बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी’ के बाल युवा संघ की ओर से इस बार परेड ग्राउंड के खेल मैदान में रावण दहन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हजारों की संख्या में मौजूद लोगों का अभिनंदन करते हुए हुए दशहरे की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दशहरा, असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक पर्व है। दशहरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है। उन्होंने कहा यह पर्व रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है। सच्चाई, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलकर हमेशा बुराई पर अच्छाई की ही जीत होती है। उन्होने कहा अहंकार में रावण और उसकी लंका जलकर खाक हो गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरे के त्योहार पर हम सभी को अपने अंदर की बुराइयों का त्याग कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलने का संकल्प भी लेना है। उन्होंने कहा भगवान श्री राम ऐसे आदर्श व्यक्ति हैं जो त्याग, समर्पण, न्याय, करुणा और कर्तव्य के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं। उनके आदर्श जीवन हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन करना सिखाता है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास , विधायक श्रीमती सविता कपूर, संतोष नागपाल, गगन सेठी, नेहा जोशी, पुनीत मित्तल, अशोक वर्मा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
Dussehra, the festival of victory of good over evil, was celebrated with great enthusiasm in Dehradun.
