सरकार सभी निजी संपत्तियों का अधिग्रहण नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट।
दिल्ली , किसी व्यक्ति या समुदाय की निजी संपत्ति को सरकार द्वारा अधिगृहीत करते संबंधी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ ने अहम फैसला देते हुए कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का अधिग्रहण नहीं कर सकती, जब तक कि सार्वजनिक हित ना जुड़ रहे हों।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 जजों की संविधान पीठ ने वोट के जरिए 8-1 के बहुमत के साथ इस जटिल मुद्दे पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने बहुमत से जस्टिस कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को भी खारिज कर दिया। जस्टिस अय्यर के पिछले फैसले में कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि पुराना शासन एक विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। संविधान पीठ ने अपने फैसले से सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं हैं और इसलिए उन्हें आपके (राज्यों) द्वारा अपने कब्जे में नहीं लिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत के फैसले से कहा कि सभी निजी संपत्तियां संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत ‘समुदाय के भौतिक संसाधनों’ का हिस्सा नहीं बन सकती हैं और राज्य के अधिकारियों द्वारा ‘सार्वजनिक भलाई’ के लिए इसे अपने कब्जे में नहीं लिया जा सकता है। हालांकि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि कुछ निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन हो सकती है, लेकिन हर प्रॉपर्टी पर सरकार अपना कब्जा नहीं जमा सकती। 9 जजों की संविधान पीठ ने 1978 से लेकर अभी तक सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को पलट दिया है। पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
9 जजों की पीठ ने स्पष्ट किया कि, निजी संसाधन एक भौतिक संसाधन है या नहीं, यह तय करते समय अदालत को यह निर्धारित करना होगा कि इसका वितरण आम हित में है या नहीं। अदालत ने यह भी माना कि अनुच्छेद 39 (बी) के उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए पारित किए गए कानूनों को संविधान के अनुच्छेद 31 (सी) के तहत संवैधानिक छूट प्राप्त होगी। अनुच्छेद 31सी जिन कानूनों की रक्षा करता है उनमें अनुच्छेद 39बी भी शामिल है। अनुच्छेद 39बी में कहा गया है कि राज्य अपनी नीति को यह सुनिश्चित करने की दिशा में निर्देशित करेगा कि समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार वितरित किया जाए कि आम हित की पूर्ति हो सके।
Government cannot acquire all private properties: Supreme Court.
