Arunachal , 22 September 2025,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में 5.1 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्र की प्रगति के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित कर रही है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा एकत्र किए गए करों का एक हिस्सा राज्यों को वितरित किया जाता है। पिछली सरकार के दौरान, अरुणाचल प्रदेश को दस वर्षों में केंद्रीय करों से केवल 6 हजार करोड़ रुपये मिले थे। श्री मोदी ने कहा कि इसके विपरीत हमारी सरकार के तहत अरुणाचल को इसी अवधि में 16 गुना अधिक – एक लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंकड़ा केवल कर हिस्सेदारी से संबंधित है, और इसमें राज्य में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं और प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं के तहत अतिरिक्त व्यय शामिल नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि अरुणाचल में आज इतना व्यापक और तेज़ विकास दिख रहा है।
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन करने और सतत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ईटानगर में 3.7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और टाटो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में विकसित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखी। सीमांत जिले तवांग में 9,820 फीट से भी अधिक की ऊँचाई पर स्थित यह केंद्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक उत्सवों और प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। 1.5 हजार से अधिक प्रतिनिधियों की मेजबानी करने की क्षमता वाला यह केंद्र वैश्विक मानकों को पूरा करेगा और क्षेत्र की पर्यटन एवं सांस्कृतिक क्षमता को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया, जो कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। इन पहलों से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने, जीवन स्तर में सुधार होने और कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है। व्यवसाय में सुगमता सुनिश्चित करने और एक जीवंत उद्यमशील इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के अपने विजन के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने हाल ही में जीएसटी दर युक्तिकरण के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए स्थानीय करदाताओं, व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ परस्पर बातचीत की।
नागरिकों की आय और बचत दोनों को बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि वर्षों से बड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उनकी सरकार ने आयकर की दरों में लगातार कमी की है। इस वर्ष, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से कर-मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने घोषणा की कि जीएसटी को अब केवल दो स्लैब – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत – तक सीमित कर दिया गया है। श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि कई वस्तुएँ कर-मुक्त हो गई हैं और अन्य वस्तुओं पर करों में उल्लेखनीय कमी की गई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि घर बनाना, स्कूटर या बाइक खरीदना, बाहर खाना और यात्रा करना, ये सभी अब अधिक किफ़ायती हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी बचत महोत्सव लोगों के लिए एक यादगार उपलब्धि होगी।