उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र से बाहर पहुंचाने के मामले में सूत्रधार खालिद मंगलवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पिछले दो दिन से उसकी तलाश थी। उसे हरिद्वार से हिरासत में लेकर रात देहरादून लाया गया।
एसटीएफ के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खालिद बेहद शातिर है, प्रश्न पत्र बाहर आने की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद उसने दो दिन की फरारी में साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की है। खालिद का मोबाइल इस प्रकरण की महत्वपूर्ण कड़ी है, लेकिन उसके बारे में पूछने पर अलग-अलग बयान दे रहा है।
उसने पहले अपना मोबाइल ट्रेन से फेंकने की बात कही, लेकिन जब उस लोकेशन का पता करने की कोशिश की गई तो उसने कहा कि ट्रेक के नीचे नदी बह रही थी, मोबाइल उसमें गिर गया होगा। विरोधाभासी बयान से जाहिर है कि वह पुलिस को बरगलाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में एसटीएफ उसे बुधवार को कस्टडी रिमांड पर ले सकती है
परीक्षा शुरू होते ही शौचालय जाने के लिए छटपटाया खालिद
नौ नंबर कमरे के परीक्षक ने पुलिस को बताया है कि परीक्षा शुरू होते ही खालिद लघुशंका के लिए जाने को आतुर था। शुरुआत में नियमों के तहत उसे इजाजत नहीं दी गई। आधे घंटे बाद शौचालय जाने दिया गया। आशंका है कि उसी दौरान उसने कोई कारगुजारी की। पुलिस को खालिद या उसकी बहनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक नहीं मिला है। परिवार से भी वह परेशान है। हाल में उसकी मां की कैंसर से मृत्यु हुई है। घर में अन्य परेशानियां भी सामने आई हैं।
कमरा नंबर-9 में नहीं था जैमर, गेट पर बैठा था खालिद
एक बड़ा खुलासा यह हुआ है कि खालिद ने जिस कमरा नंबर-9 में बैठकर परीक्षा दी, उसमें जैमर नहीं लगा था। एसपी जया ने बताया कि हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र के सोमवार के निरीक्षण में कुछ अहम सवाल सामने आए जिससे आशंका है कि खालिद को सहयोग करने में अज्ञात का हाथ रहा है। रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान केंद्र के 18 कमरों में अभ्यर्थी बैठाए गए थे, लेकिन जैमर सिर्फ 15 कमरों लगे थे, एक जैमर की रेंज लगभग 10 मीटर होती है, यानी एक रूम के दायरे में। जिस कमरा नंबर-9 में जैमर नहीं लगा था, उसमें ही खालिद को दरवाजे की साइड से पहली सीट अलॉट हुई थी।