देहरादून 13 दिसंबर 2021,
ब्रिटेन; सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविड-19 के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए, कोविड बूस्टर डोज को लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी को डाटा सब्मिट किया है। हालांकि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी, यूके की मेडिसन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी के बूस्टर डोज को अनुमति देने की बात से सहमत नहीं दिखी है। इस एक्सपर्ट कमेटी की मीटिंग 10 दिसंबर को हुई थी. जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को बूस्टर डोज बनाने की अनुमति देने के लिए मना कर दिया है।
कोरोना की बूस्टर डोज को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जो डाटा दिया था, उसमें कहा गया था कि कि बूस्टर डोज दूसरी डोज देने के छह महीने बाद दी जाएगी. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका फेज 1 और फेज 2 का क्लीनिकल ट्रायल यूके में हो चुका है. इसको यूके की मेडिसन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी अनुमति दे चुकी है।
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि सीरम ने यूके में हुई स्टडी के केवल 75 सब्जेट के डाटा को शेयर किया गया था। साथ ही भारतीयों से संबंधित बूस्टर डोज का डाटा शेयर नहीं किया गया था। वहीं, दोनों डोज दिए जाने के बाद बूस्टर डोज में कितना अंतर होना चाहिए, इस बारे में भी जानकारी नहीं थी। इसके अलावा सीरम ने लोकल क्लीनिकल ट्रायल डाटा भी बूस्टर डोज के संबंध में शेयर नहीं किया था। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम से कहा है कि वह बूस्टर डोज को लेकर ऐसा प्रस्ताव लेकर आएं, जिससे ये साबित हो सके कि भारत ने बूस्टर डोज की जरूरत है।