Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
ज्यादा तनाव से भी किशोरियाँ हो रही हैं पीसीओडी की शिकार : डाॅ0 सुजाता संजय -Separato Spot Witness Times
स्वास्थ्य

ज्यादा तनाव से भी किशोरियाँ हो रही हैं पीसीओडी की शिकार : डाॅ0 सुजाता संजय

 

पीसीओएस की वजह से महिलाओं में कोविड का खतरा अधिकः डा. सुजाता संजय

30 प्रतिशत संतानहीन महिलाओं में पीसीओएस की समस्या होती है।

S B T NEWS

देहरादून। संजय ऑर्थोपेडिक,स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर, जाखन, देहरादून द्वारा आयोजित वेविनार में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डाॅ0 सुजाता संजय स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा ने किशोरियों एवं महिलाओं को पाॅलीसिस्टिक ओवरीयन सिंड्रोम पीसीओएस की बढ़ती हुई समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी जिससे की युवतियाॅ इस बढ़ती हुई समस्या से निजात पा सकें।

इस जन-जागरूकता व्याख्यान में उत्तरप्रदेश, एउत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश व पंजाब से 170 से अधिक मेडिकल, नर्सिंग छात्रों व किशोरियों ने भाग लिया। इस समस्या से किशोरियों को निजात दिलाने हेतु संजय ऑर्थोपेडिक,स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर व  सेवा एन.जी.ओ. ने एक जागरूकता अभियान चलाया है। सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य यह है कि किशोरियों एवं महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करवाना है। डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि हार्मोनल असंतुलन पीसीओएस  का एक मुख्य कारण है।

आजकल लड़कियों में छोटी सी ही उम्र से पीसीओएस यानी की पोलिसिस्टिक ओवेरीयन सिंड्रोम की समस्या देखने को मिल रही है। चिंता की बात यह है कि कई सालों पहले यह बीमारी केवल 30 के उपर की महिलाओं में ही आम होती थी, लेकिन आज इसका उल्टा ही देखने को मिल रहा है। डाॅक्टरों के अनुसार यह गड़बड़ी पिछले 10 से 15 सालों में दोगुनी हो गई हैं।

डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि जब सेक्स हार्मोन में असंुतलन पैदा हो जाती है। हार्मोन में जरा सा भी बदलाव मासिक धर्म चक्र पर तुरंत असर डालता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो न केवल ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि यह आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले लेती है। दरअसल महिलाओं और पुरूषों दोनों के शरीरों में प्रजनन संबंधी हार्मोन बनते हैं।

एंडोजेंस हार्मोन पुरूषों के शरीर में भी बनते हैं, लेकिन पीसीओएस की समस्या से ग्रस्त महिलाओं के अंडाशय में हार्मोन सामान्य मात्रा से अधिक बनते हैं। यह स्थिति सचमुच में घातक साबित होती है। ये सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा रचनाएं होते है, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है जो अंडाशय में ये सिस्ट एकत्र होते रहते हैं और इनका आकार भी धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है। यह स्थिति पाॅलिसिस्टिक ओवेरियन सिंडोम कहलाती है। और यह समस्या ऐसी बन जाती है, जिसकी वजह से महिलाऐं गर्भ धारण नहीं कर पाती हैं।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर देती हैं, जिस का खमियाजा उन्हें विवाह के बाद भुगतना पड़ता है। लड़कियों को पीरियड्स शुरू होने के बाद अपने स्वास्थ्य पर खासतौर से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। महिलाओं के चेहरे पर बाल उग आना, बारबार मुहांसे होना, पिगमैंटेशन, अनियमित रूप से पीरियड्स का होना और गर्भधारण में मुश्किल होना महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है।

डाॅ0 सुजाता संजय का मानना हैं कि पीसीओएस का सही वक्त पर इलाज शुरू न होने से मरीज का वजन तेजी से बढ़नेे लगता है। अनवांटेड हेयर ग्रोथ टीनएजर्स को मेंटली डिस्टर्ब करती है। इसका लाॅन्ग टर्म इफेक्ट डिप्रेशन के रूप में सामने आता है। इस बीमारी की पहचान देरी से होती है। महिलाओं में अक्सर इसकी पहचान तब तक नहीं होती है जब तक उनमें गर्भधारण से संबंधित समस्याएं ना आ जायें। 30 प्रतिशत संतानहीन महिलाओं में पीसीओएस की समस्या होती है।

पीसीओएस के सटीक कारण पता नहीं चलते, लेकिन इसका कारण वंशानुगत और जीवनशैली से संबंधित दोनों ही माने जाते है। हो सकता है ओवेरियन कैंसर बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रत्येक घर की महिला तनाव का शिकार हो रही हैं। उनमें से कामकाजी महिलाओं के तनाव का स्तर और भी अधिक होता है। यदि मरीजों को कजरवेटिव इलाज जैसे कि वजन घटाना, हार्मोनल दवाईयों के इस्तेमाल से भी यदि बीमारी ठीक नहीं होती तो ऐसे में इन मरीजों को लैपरोस्कोपिक सर्जरी से प्रभावित सिस्ट को निकाला जा सकता है।

Related posts

राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, ‘‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’’ में आयुष मंत्रालय भी अपनी भागीदारी करेगा।

Dharmpal Singh Rawat

देहरादून: 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का समापन

Dharmpal Singh Rawat

एसीएस राधा रतूड़ी ने पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर का किया शुभारम्भ

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment