Kotdwar, 30 May 2025,
उत्तराखंड को झकझोरने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज अदालत ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पीड़ित पक्ष को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमेश्वर ब्लाॅक के अन्तर्गत स्थित वनतारा रिजाॅर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 साल की अंकिता 18 सितंबर 2022 को गायब हो गई थी। पांच दिन बाद अंकिता का शव चीला नहर से बरामद किया गया था। मामला सामने आने के बाद रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। वनतारा रिजाॅट के संचालक सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी- आरएसएस व सरकार के ताकतवर लोगों से जुड़े थे। इसके बाद आरोपियों की ओर से इस मामले को दबाने के भरसक प्रयास होते रहे। शासन प्रशासन पर आरोपियों के साथ मिले होने के आप भी लगे। वहीं स्थानीय लोग भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतर पड़े। जिसे बाद में एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। आंदोलन के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा और अंकिता को ढूंढने के वृहद स्तर पर प्रयास शुरू हुए। और पांच दिन बाद अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ।
इस मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक रिजाॅर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि रिजाॅर्ट में ठहरे एक वीआईपी को अंकिता ने एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना कर दिया था। इसी विवाद के चलते उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले के तीनों आरोपी फिलहाल जेल में बंद है।
मामले में करीब 2 साल और 8 महीने तक सुनवाई चली। पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302, 201, 354ए और अनैतिक देह व्यापार निवारण एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाहों को पेश किया था।