मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में डेस्टिनेशनल वेडिंग की ओर मजबूती से कदम बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर पर्यटन विभाग ने राज्य में विवाह समारोह के आयोजन को लेकर संचालन, नियमन और निगरानी के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों का प्रस्तुतिकरण दिया। बताया गया कि विवाह स्थलों, सेवा प्रदाताओं और टूर ऑपरेटरों के पैनल, उनके लाइसेंस और स्वीकृति प्रक्रिया के लिए सिंगल विंडो पोर्टल बनाया जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में उत्तराखंड को डेस्टिनेशनल वेडिंग के तौर पर विकसित करने का सुझाव दिया था। सोमवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने डेस्टिनेशनल वेडिंग के तौर पर पहचान बना चुके त्रियुगीनारायण में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही वहां हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया। पर्यटन विभाग जीएमवीएन और केएमवीएन के सहयोग से डेस्टिनेशनल वेडिंग पर काम करेगा। इसके लिए स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां ढांचागत विकास के साथ उन्हें रोड, बिजली, पानी और संचार कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इसमें हित धारकों, ट्रैवल एजेंसियों के साथ स्थानीय लोगों को भी जोड़ा जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण की सुविधा दी जाएगी। स्थानीय परंपराओं, रीति-रिवाजों और संस्कृति के साथ इको फ्रेंडली वेडिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा
राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। सीएम ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने पर्यटन विभाग को डेस्टिनेशन उत्तराखंड के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए।