स्कूल-कालेजों में स्थापित होंगे बुक बैंकः डा. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री

प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये सभी राजकीय स्कूलों एवं कालेजों में बुक बैंक की स्थापना की जायेगी। यही नहीं अगले शैक्षिक सत्र में पाठ्य पुस्तकों को समय पर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत एनसीईआरटी को प्रकाशन की जिम्मेदारी देने पर भी विचार किया गया। क्षतिग्रस्त स्कूल एवं कालेजों की मरम्मत के लिये आपदा मद से धनराशि स्वीकृत की जायेगी। सूबे में रिक्त पदों के सापेक्ष शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्णय भी लिया गया है।

 

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव एस.एस. संधू भी उपस्थित रहे। बैठक में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत शैक्षिणक सत्र से पूर्व किताबें उपलब्ध कराने के लिये सभी राजकीय विद्यालयों में बुक बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। पुस्तकों के ससमय प्रकाशन के लिये एनसीईआरटी नई दिल्ली से अनुबंध किये जाने पर भी विचार किया गया। डा. रावत ने कहा कि अकसर दूर-दराज के क्षेत्रों के विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें समय पर न मिलने की शिकायतें मिलती रहती है, जिसको देखते हुये अगले वर्ष से सभी विद्यालयों में कक्षा-1 से 12वीं तक की पाठ्य पुस्तकों का बुक बैंक स्थापित किया जायेगा, ताकि छात्र-छात्राएं नया सत्र शुरू होते ही विद्यालयों में स्थापित बुक बैंक से अपनी पाठ्य पुस्तकें ले सके। पाठ्य पुस्तकों के समय पर प्रकाशन हेतु विभागीय अधिकारियों को एनसीईआरटी दिल्ली से सम्पर्क कर अनुबंध करने के निर्देश भी दिये गये।

शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा कि सूबे के राजकीय स्कूल-कालेजों एवं महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों के सैकड़ों पद रिक्त हैं, जिस कारण छात्र-छात्राओं के पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। सीधी भर्ती से भरे जाने तक इन पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर शिक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया गया है। जिसका प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट बैठक में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ऐसे सैकड़ों विद्यालय है जिनके भवनों को मरम्मत की आवश्यकता है। ऐसे विद्यालयों को मरम्मत हेतु आपदा मद से धनराशि उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है ताकि जिला शिक्षा समिति की देखरेख में इन विद्यालय भवनों की मरम्मत कराई जा सके।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *