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ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं पर बल देने जोर दिया। - Separato Spot Witness Times
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ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं पर बल देने जोर दिया।

देहरादून 24 अगस्त 2023,

दिल्ली: ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ने वक्तव्य देते हुए कहा कि, अफ्रीका की भूमि पर आप सभी मित्रों के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रपति रामाफोसा का हृदय से अभिनन्दन करता हूँ कि उन्होंने BRICS आउटरीच समिट में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका के देशों के साथ विचार साझा करने का अवसर दिया है।‌पिछले दो दिनों में, ब्रिक्स की सभी चर्चाओं में, हमने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं पर बल दिया है।

प्रधानमंत्री ने बताया है कि ब्रिक्स द्वारा ब्रिक्स फोरम का विस्तार करने का भी निर्णय लिया गया है। यह ग्लोबल इंस्टीट्यूशन फॉर्म को, रिप्रेजेंटेटिव और इन्फ्लेशन बनाने की, हमारे कोशिको की तरफ एक पहल है। जब हम “ग्लोबल साउथ” शब्द का प्रयोग करते हैं, तो यह मात्र डिप्लोमेटिक टर्म नहीं है।हमारे साझा इतिहास में हमने उपनिवेशवाद और रंगभेद का मिलकर विरोध किया है।

अफ्रीका की भूमि पर ही महात्मा गाँधी ने अहिंसा और पीसफुल रेजिस्टेंस जैसी शक्तिशाली अवधारणाओं को विकसित किया, परखा और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इस्तेमाल किया। उनकी सोच और विचारों ने नेल्सन मंडेला जैसे महान नेता को प्रेरित किया। इतिहास के इस मज़बूत आधार पर हम अपने आधुनिक संबंधों को एक नया स्वरूप दे रहे हैं। भारत ने अफ्रीका के साथ संबंधो को उच्च प्राथमिकता दी है। उच्च-स्तरीय बैठकों के साथ साथ, हमने अफ्रीका में 16 नए दूतावास खोले हैं। भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है, और पांचवा सबसे बड़ा निवेशक देश है। भारत ने अफ्रीका के देशों की कैपेसिटी बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को हमेशा प्राथमिकता दी है। एजेंडा 2063 के अंतर्गत अफ्रीका को भविष्य का ग्लोबल पावरहाउस बनाने की यात्रा में भारत एक विश्वसनीय और करीबी साझेदार है।अफ्रीका में डिजिटल डिवाइड कम करने के लिए हमने टेली-एजुकेशन और टेली-मेडिसिन में पन्द्रह हज़ार से भी अधिक प्रदान की हैं। लगभग 4400 भारतीय शान्ति सेना, जिनमें महिलायें भी शामिल हैं, अफ्रीका में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।

हमारी G-20 अध्यक्षता का भी मूलमंत्र है। ग्लोबल साउथ की चिंताओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए हमने तीन अफ़्रीकी देशों तथा कई विकासशील देशों को गैस्ट कंट्री के रूप में आमंत्रित किया है। भारत ने अफ्रीकन यूनियन को G-20 की स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव भी रखा है।भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक से जुड़ने के लिए, अपने अपने विकास में उसका लाभ उठाने के लिए मैं आप सबको आमंत्रित करता हूँ।हमें अपना अनुभव और क्षमताएं आप सबके साथ साझा करने में ख़ुशी होगी।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि हमारे साझा प्रयासों से हमें सभी चुनौतियों का मिलकर सामना करने के लिए एक नया आत्मविश्वास मिलेगा।

 

 

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