यूपीसीएल में 19 साल से चल रहे विवाद के बीच जारी हुई सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता सूची के विरोध में जूनियर इंजीनियर भड़क गए हैं। मामले ने इस कदर तूल पकड़ लिया कि नाराज इंजीनियरों ने यूपीसीएल के अधिशासी निदेशक आरजे मलिक को तीन घंटे तक उनके कार्यालय में बंधक बनाए रखा। पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के आह्वान पर बड़ी संख्या में डिप्लोमाधारी पदोन्नत एई यूपीसीएल मुख्यालय पहुंचे। वे अधिशासी निदेशक मलिक के कार्यालय के बाहर गैलरी में धरने पर बैठ गए।
तीन घंटे तक मलिक को उनके कार्यालय में बंधक बनाकर रखा। शाम को बमुश्किल मलिक निकल पाए। एसोसिएशन का आरोप है कि यूपीसीएल प्रबंधन ने गलत तरीके से यह सूची जारी की है। सवाल किया कि सीधी भर्ती के जो इंजीनियर 2010 में विभाग में नियुक्त हुए, उन्हें 2008 की वरिष्ठता सूची में क्यों शामिल किया गया? दिनभर यूपीसीएल में जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के सदस्य धरने पर बैठे रहे। उनकी मांग है कि इस सूची को तत्काल निरस्त किया जाए। इसमें 2010 के सीधी भर्ती के एई को बाहर किया जाए।
शासन स्तर की समिति की रिपोर्ट पर जारी हुई वरिष्ठता
यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, मुख्य सचिव ने वरिष्ठता मामले के निस्तारण के लिए शासन स्तर पर समिति गठन के निर्देश दिए थे। निर्देशों के तहत प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने समिति गठित की थी, जिसमें अपर सचिव विधि सुधीर कुमार सिंह, अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल और अपर सचिव ऊर्जा डॉ. अहमद इकबाल शामिल थे। इस समिति ने सभी पहलुओं को देखने के बाद रोटा-कोटा के सिद्धांत पर अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट पर मुख्य सचिव व यूपीसीएल के अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके आधार पर वरिष्ठता सूची जारी की गई है।