कांग्रेस की विचारधारा सत्य और अहिंसा, हाथ मिलाने और नफरत मिटाने की है: राहुल गांधी,
 
        Asam 16 July 2025,
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल आज असम के दौरे पर पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर उनका शानदार स्वागत हुआ। गौरव गोगोई के असम कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की यह पहली असम यात्रा थी। यहां राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले। गुवाहाटी से लगभग 40 किलोमीटर दूर चायगांव में एक जनसभा को संबोधित किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिम्मत बिस्वा सरमा को निशाने पर लेते हुए कहा , असम के मुख्यमंत्री खुद को असम का राजा समझते हैं। और वह आपकी कमाई और ज़मीन अडानी और अंबानी को देने की कोशिश में चौबीसों घंटे लगे रहते हैं। लेकिन अगर आप उन्हें ध्यान से सुनेंगे, तो आपको उनकी आवाज़ में डर साफ़ दिखाई देगा। एक दिन मुख्यमंत्री सरमा को भ्रष्टाचार का ब्यौरा देना पड़ेगा। राहुल गांधी ने कहा कि देश में विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। ‘एक तरफ आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नफरत, हिंसा और फूट की विचारधारा फैला रहा है और भाई-भाई को आपस में लड़वा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस की विचारधारा सत्य और अहिंसा, हाथ मिलाने और नफरत मिटाने की लड़ाई लड़ रही है। गांधी ने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर बिहार में लाखों वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का काम कर रही है। जिन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, वे गरीब, मजदूर, किसान हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरते कहा कि, ‘असम में वोटर लिस्ट्स सही हों और उनमें कोई हेराफेरी न हो। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जागरूक और सतर्क रहना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी सीएम सरमा पर निशाना साधा और यकीन दिलाया कि असम में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर वे नौकरियां प्रदान करेंगे और सभी क्षेत्रों में हर तरफ तरक्की सुनिश्चित करेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा , ‘असम में चाय बागान मज़दूरों को न्यूनतम मज़दूरी नहीं मिल रही है. मुख्यमंत्री को इसकी कोई परवाह नहीं है।
वहीं, असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने कहा कि आगामी चुनाव में कड़ी टक्कर होगी और भाजपा तथा उसके सहयोगी दल सत्ता से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि लोगों को यह एहसास हो गया है कि अगर वे असम में शांति चाहते हैं तो उन्हें कांग्रेस सरकार की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, ‘लोग डर, नफ़रत और भ्रष्टाचार से थक चुके हैं।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                 
                