अर्थ जगत , अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया 63 पैसे की तेजी के साथ 86.82 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह करीब दो साल में एक सत्र में दर्ज सबसे अधिक तेजी है।
पिछले दिनों डालर का मूल्य 88 रुपए के स्तर तक पहुंचने के बीच करेंसी की हालिया गिरावट को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 61 पैसे बढ़कर 86.82 पर पहुंच गया। आरबीआई के नीतिगत फैसले के कारण भारतीय रुपया दो वर्षों में सबसे अधिक बढ़ गया है। कारोबारी सत्र के दौरान रुपए में लगभग 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली, जो नवंबर 2022 के बाद से इसकी सबसे बड़ी छलांग है। रुपया 86.64 प्रति डॉलर तक पहुंच गया ।शुरुआती कारोबार में रुपया 86.69 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया, लेकिन इसके बाद इसकी बढ़त कम हो गई, जो कि 87.4750 के पिछले बंद स्तर से 0.7 फीसदी से ज्यादा है।
शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत से ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दबाव में नजर आ रहे थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कमी लेकिन इसके बावजूद शेयर मार्केट में गिरावट जारी रही है। एक समय सेंसेक्स 1200 और निफ्टी 300 अंकों से अधिक टूट गए थे, लेकिन बाद में कुछ रिकवरी करने में कामयाब रहे। सेंसेक्स 1,018.20 पॉइंट्स गिरकर 76,293.60 और निफ्टी 309.80 पॉइंट्स टूटकर 23,071.80 पर बंद हुआ। निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए गंवाने का अनुमान लगाया जा रहा है।