दिल्ली , अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली सहित अन्य नागरिकों को 20 जनवरी से पहले रिहा करने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मध्य पूर्व में तबाही मच जाएगी। बता दें कि हमास ने सात अक्टूबर 2023 को 100 लोगों को बंधक बनाया था। इस बंधकों में कुछ अमेरिकी भी थे।
फ्लोरिडा के मार-ए-लागो एस्टेट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ट्रंप ने कहा कि यह हमास के लिए अच्छा नहीं होगा और सच कहूं तो यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर किया गया हमला “कभी नहीं होना चाहिए था।”
ट्रंप द्वारा नियुक्त मध्य पूर्व के लिए विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम को लेकर चल रही वार्ता पर आशावाद जताया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी प्रतिष्ठा का असर है, जिसकी वजह से वार्ता आगे बढ़ रही है। उम्मीद है कि कुछ लोगों की जान बचाई जा सकेगी।
बाइडेन प्रशासन ने भी वार्ता में सक्रिय भाग लिया है। हालांकि, बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया और कहा कि समझौते की स्थिति अभी भी अनिश्चित है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ट्रंप से पनामा नहर, ग्रीनलैंड और कनाडा पर नियंत्रण हासिल करने को लेकर सवाल पूछे गए। उन्होंने इनकार नहीं किया कि “आर्थिक या सैन्य बल” का इस्तेमाल किया जा सकता है। ट्रंप ने कहा, “मैं आपको इन मुद्दों पर आश्वस्त नहीं कर सकता, लेकिन यह कह सकता हूं कि हमें अपनी आर्थिक सुरक्षा के लिए इनकी जरूरत है।”
सीरिया में अमेरिकी सैनिकों के भविष्य पर सवाल का ट्रंप ने साफ जवाब नहीं दिया। पेंटागन के अनुसार, आईएसआईएस को नियंत्रित करने के मिशन के तहत लगभग 2 हजार अमेरिकी कर्मी अभी भी सीरिया में हैं। 2014 से, अमेरिकी सैनिकों ने कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस का समर्थन किया है। इस दौरान ट्रंप ने पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर सैन्य कार्रवाई से इन्कार किया।