दिल्ली, शंघाई सहयोग संगठन एससीओ का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होगा। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। एससीओ में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत पिछले साल एससीओ का अध्यक्ष था। पिछले साल जुलाई में वर्चुअल फॉर्मेट में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत ने की थी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस को बताया कि , उनकी यह यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं। मैं वहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक अच्छा सदस्य बनने जा रहा हूं। एससीओ की बैठक में मेरा व्यवहार एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति के अनुसार ही होगा। काफी समय से सार्क की बैठक नहीं होने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि, फिलहाल दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन सार्क आगे नहीं बढ़ रहा है, हमने सार्क की बैठक नहीं की है, इसका एक बहुत ही सरल कारण है – सार्क का एक सदस्य है जो सार्क के एक सदस्य के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास कर रहा है। आतंकवाद एक ऐसी चीज है जो अस्वीकार्य है और वैश्विक दृष्टिकोण के बावजूद यदि हमारा कोई पड़ोसी ऐसा करना जारी रखता है तो सार्क में हमेशा की तरह काम नहीं हो सकता। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्षेत्रीय गतिविधियां बंद हो गई हैं। बता दें कि सार्क भारतीय उपमहाद्वीप के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। विदेश मंत्री ने कहा, पिछले 5-6 वर्षों में, हमने भारतीय उपमहाद्वीप के देशों में,कहीं अधिक क्षेत्रीय एकीकरण देखा है। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने लेबनान, ईरान और इजरायल युद्ध पर भी चिंता जताई। कहा, संघर्ष बढ़ रहा है जिसे हमने आतंकवादी हमले के रूप में देखा, फिर प्रतिक्रिया, फिर हमने देखा कि गाजा में क्या हुआ। अब आप इसे लेबनान में, इजरायल और ईरान के बीच आदान-प्रदान के रूप में देख रहे हैं। हूति लाल सागर पर गोलीबारी कर रहे हैं। यह वास्तव में हमें नुकसान पहुंचा रहा है।इसलिए मैं आज ईमानदारी से कहूंगा, चाहे वह यूक्रेन में संघर्ष हो या मध्य पूर्व पश्चिम एशिया में संघर्ष, ये अस्थिरता के बड़े कारक हैं, चिंता के बड़े कारक हैं। मुझे लगता है कि हम सहित पूरी दुनिया इसके बारे में चिंतित हैं।
External Affairs Minister Jaishankar will visit Pakistan on October 15 and 16 for Shanghai Cooperation Organisation summit: India-Pakistan relations will not be discussed