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उत्तराखंड में पहला एक्वा पार्क 48 करोड़ की लागत से उधमसिंह नगर में बनेगा। - Separato Spot Witness Times
राज्य समाचार

उत्तराखंड में पहला एक्वा पार्क 48 करोड़ की लागत से उधमसिंह नगर में बनेगा।

देहरादून 16 जुलाई 2023,

सौरभ बहुगुणा मंत्री पशुपालन मत्स्य दुग्ध विकास डेयरी कौशल विकास एवं सेवायोजन उत्तराखंड सरकार ने आज अपने यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास में ‘स्पॉट विटनेस’ को बताया कि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। लोगों को पशुपालन मत्स्य पालन दुग्ध उत्पादन से जोड़ा जाना चाहिए। हमारी सरकार भी पिछले 1 वर्ष से इस दिशा में कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने गोट वैली योजना और एक्वा पार्क योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पहला एक्वा पार्क 48 करोड़ की लागत से उधमसिंह नगर में स्थापित किया जा रहा है। मत्स्य उत्पादन संबंधी समस्त कार्य एक्वा पार्क के परिसर में ही किए जा सकेंगे।

पर्वतीय क्षेत्र में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए श्री बहुगुणा ने बताया कि पिछले दिनों तमिलनाडु में हुए राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस सम्मेलन में मेरे द्वारा अवगत कराया गया कि, वर्तमान में मत्स्य पालन का तालाब बनाने के लिए एक सौ क्यूबिक मीटर के मानक निर्धारित हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में एक साथ इतनी अधिक भूमि उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस लिए वर्तमान में निर्धारित एक सौ क्यूबिक मीटर मानकों में संशोधन कर पचास क्यूबिक मीटर रखने का प्रस्ताव दिया है।

हिमालयी राज्यों के लिए केंद्र सरकार जितनी भी योजनाएं बनाती है उनमें मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा छूट मिलनी चाहिए क्योंकि यहां पर यातायात आवागमन पर बहुत ज्यादा खर्च होता है। जिससे जनकल्याण की योजनाएं सफल नहीं हो पाती हैं। उन्होंने जीआईसी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन एवं भूकंप से कंक्रीट द्वारा किए गए निर्माण टूट जाते हैं। इसके साथ ही इनका बीमा नहीं होता है जिससे किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है।

श्री बहुगुणा ने बताया कि पहले मत्स्य पालकों को बिजली का भुगतान ₹5.5 प्रति रुपए प्रति यूनिट कमर्शियल श्रेणी पर करना पड़ता था। केंद्र सरकार ने इनमें संशोधन कर मत्स्य पालकों को ₹2.5 प्रति यूनिट एग्रीकल्चर श्रेणी किया है। इससे मत्स्य पालन को ₹3 प्रति यूनिट की बचत होती है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में ठंडे पानी के स्रोत प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं। इनको रोजगार से कैसे जोड़ा जा सकता है। इस पर एंग्लिंग टूरिज्म और होमस्टे टूरिज्म योजनाएं बनाई हैं। अगले 5 वर्षों तक 100 एंग्लिंग टूरिज्म बनाने का योजना है। जिसमें से 27 एंग्लिंग टूरिज्म योजनाएं तैयारी पर हैं। एंग्लिंग टूरिज्म को होम स्टे व मत्स्य पालन की योजनाओं के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है। इस पर हम कार्य कर रहे हैं जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार मिल सके।

केबिनेट मंत्री ने उत्तराखंड के युवाओं को सुझाव दिया कि, समिति बनाकार एंग्लिंग टूरिज्म का कार्य करें। और इसको होम स्टे योजना से भी जोड़े। इससे उनको रोजगार तो उपलब्ध होगा साथ ही उत्तराखंड में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

 

 

 

 

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