27 अप्रैल 2027,
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर स्थित बीजापुर जिले के कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में पिछले पांच दिनों से चलाए जा रहे अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। है। लगातार प्रयासों के बाद सुरक्षा बल नक्सलियों के एक गुप्त अड्डे तक पहुंचने में सफल रहे। सुरक्षा बलों के लगभग दस हजार जवानों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में करीब एक हजार नक्सलियों को चारों तरफ से घेरा हुआ था। हालांकि, सुरक्षाबलों के पहुंचने से पहले ही नक्सली वहां से निकल चुके थे, लेकिन मौके से उनकी मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं।
बताया गया है कि गुफा इतनी बड़ी है कि उसमें हजार से ज्यादा लोग कई दिन तक छिप सकते थे। गुफा के भीतर पानी के स्रोत और आराम की सुविधाएं भी मौजूद हैं। इसके अलावा, गुफा के भीतर एक बड़ा खुला मैदान भी मिला है। अब इस गुफा पर सुरक्षाबलों का पूरा कब्जा हो चुका है।विश्लेषकों के अनुसार, सुरक्षाबलों के चक्रव्यूह में फंसे माओवादियों के पास दो ही विकल्प बचे हैं, या तो आत्मसमर्पण करें या भूख और प्यास से दम तोड़ें। पहाड़ी से नीचे उतरने का कोई सुरक्षित मार्ग नहीं बचा है और न ही भोजन और पानी का प्रबंध है।
सुरक्षाबलों ने कर्रेगट्टा पहाड़ियों में अस्थाई कैंप स्थापित कर लिए हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि अब नक्सलियों को बाहर से कोई मदद नहीं मिल पाएगी और न ही भागने का कोई रास्ता बचा है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि,मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का खात्मा कर दिया जाएगा। इसी लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से नक्सलवाद से मुक्त कराने के लिए छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का अभियान निरंतर जारी है। इस अभियान में सुरक्षाबलों ने 5 नक्सलियों को मार गिराया है, जिनमें से 3 के शव समेत हथियार बरामद हुए हैं।
नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के गुप्त अड्डे तक पहुंचने में मिली सफलता, नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण या मौत का विकल्प,
In the anti-Naxal operation, the security forces succeeded in reaching the hideout of the Naxalites, the Naxalites have the option of surrender or death,