दिल्ली , इजराइल द्वारा बीते महीने 26 अक्टूबर को ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था, यह हमला एक अक्टूबर को ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों का जवाब था। अमेरिका और इजराइल ने ईरान को अब दोबारा हमला नहीं करने की चेतावनी दी है। वहीं इरान एक बार फिर इजराइल पर जवाबी हमला करने की तैयारी कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि, इरान ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री’ की तैयारी में जुटा है। वहीं तुर्किए ने 52 देशों और 2 इंटर-गवर्नमेंट संस्थाओं के हस्ताक्षर युक्त पत्र संयुक्त राष्ट्र को सौंपा है। पत्र में इजराइल को हथियार सप्लाई रोकने की मांग की गई है।
ईरान ने एक अक्टूबर के हमले को हमास चीफ इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और कमांडर निलफोरुशन की हत्या का बदला बताया था। 26 अक्टूबर को किया गया इजराइली हमले को इरान ने उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया है।
इज़राइल पर हमला करने से पहले इरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने अपने बयान के जरिए संकेत दिया है कि ईरान, इजराइल के साथ जंग नहीं चाहता है। बल्कि वह लेबनान और गाजा में युद्धविराम चाहता है। ईरान की स्टेट न्यूज एजेंसी आइआरएनए के मुताबिक पेजेश्कियान ने कहा है कि, ‘अगर इजराइल अपने व्यवहार पर पुनर्विचार करता है। युद्धविराम स्वीकार करता है और क्षेत्र के मासूम-पीड़ितों का नरसंहार रोकता है तो इससे ईरान की प्रतिक्रिया की तीव्रता और प्रकार पर असर पड़ सकता है।पेजेश्कियान ने कहा कि ईरान की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ किसी भी आक्रमण को हम जवाब दिए बगैर नहीं छोड़ेंगे। ईरान के प्रमुख लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा है कि हमारे दुश्मनों, अमेरिका और इजराइल दोनों को पता होना चाहिए कि उन्होंने ईरान और रेजिस्टेंस फ्रंट के खिलाफ जो किया है उसका उन्हें करारा जवाब जरूर मिलेगा।
इजराइल ने भी ईरान को चेतावनी दी है कि अगर अब तेहरान ने अपनी गलती दोहराई तो वह उन ठिकानों को निशाना बनाएंगे जिसे 26 अक्टूबर के हमले में जान-बूझकर छोड़ दिया गया था. दरअसल इजराइल, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा था लेकिन उसे इस मामले में अमेरिका का साथ नहीं मिला जिसके बाद उसने ईरान के मिलिट्री ठिकानों पर ही हमला किया था।
नाटो के सदस्य देश तुर्किए ने संयुक्त राष्ट्र में इजराइल को हथियार सप्लाई रोकने की मांग के लिए पत्र सौंपा है। इस पत्र में 52 देशों और 2 इंटर-गवर्नमेंट संस्थाओं के हस्ताक्षर हैं।
तुर्किए के विदेश मंत्री हकान फिदान ने जिबूती में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया है कि, ‘तुर्किए ने एक साझा पत्र लिखा है, जिसमें सभी देशों से इजराइल को हथियार और बारूद सप्लाई रोकने की मांग की गई है। इजराइल को हथियार सप्लाई रोकने की मांग करने वाले इस पत्र में सऊदी अरब, ब्राजील, अल्जेरिया, चीन, ईरान और रूस भी शामिल हैं। इसके अलावा अरब लीग और ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक को-ऑपरेशन के भी हस्ताक्षर हैं। ओआइसी एक अंतर-सरकारी संगठन है, संयुक्त राष्ट्र के बाद चार महाद्वीपों में फैले 57 राज्यों की सदस्यता वाला दूसरा सबसे बड़ा संगठन है। जिसमें 48 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं।
Israel-Hamas-Iran War: 52 countries and 2 inter-governmental bodies submit a letter to the United Nations calling for a halt to arms supplies to Israel.
इजराइल-हमास-इरान युद्ध:52 देशों और 2 इंटर-गवर्नमेंट संस्थाओं ने इजरायल को हथियारों की सप्लाई रोकने संबंधी पत्र संयुक्त राष्ट्र को सौंपा है
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