दिल्ली , बजट सत्र 2025: संसद में बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बिल पर संयुक्त समिति संसदीय जेपीसी की रिपोर्ट और नया इनकम टैक्स बिल पेश किया गया। दोनों बिल के पेश होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा की कार्यवाही मात्र 5 मिनट चली। शोर शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया। नए बिल से कर प्रणाली में खासा बदलाव आने की उम्मीद है। हालांकि लोकसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा हंगामा किए जाने से इनकम टैक्स बिल पर कार्रवाई नहीं हुई।
वक्फ संसोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पहले राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने रिपोर्ट पेश की। इसपर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इससे सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बिल को लेकर कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष के सुझाए किसी भी संशोधन को जगह नहीं दी गई है। इंडिया गठबंधन के सासंदों की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया ये असंवैधानिक है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- आपने जो सलाह दी, हम उसे मानते हैं। यही तरीका उधर वाले मान लें तो सही है। हमारा एक ही विषय है। जेपीसी की जो रिपोर्ट है उसमें कई सदस्यों ने आपत्ति जताई उनके डिसेंट नोट को बाहर निकालना गलत है। संसदीय प्रक्रिया में ऐसा नहीं चलता है। हमारे लिए ये रिपोर्ट फर्जी है। यह असंवैधानिक है। इस रिपोर्ट को फिर से पेश कीजिए।
जेपीसी रिपोट पर राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह ने कहा- हमने अपना पक्षा रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं। आज वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं। कल गुरुद्वारे की करेंगे, फिर मंदिर की करेंगे।
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।’
ज्ञातव्य हो कि, वक्फ संसोधन बिल इससे पहले भी संसद में पेश हो चुका है। विपक्ष के भारी विरोध के बीच इसे प्रवर समिति जेपीसी के पास भेज दिया गया था। जेपीसी ने 30 जनवरी को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट 655 पन्नों की हैं। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 सदस्यों ने विरोध किया।