मुंबई, 13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक लोन घोटाले और अन्य बैंकों में धोखाधड़ी के सिलसिले में वांछित भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ईडी सहित भारतीय एजेंसियों द्वारा प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत करने के बाद शनिवार को मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी हुई। मेहुल चोकसी और उनके भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। इस मामले में नीरव मोदी के साथ उसकी पत्नी ऐमी, उसका भाई निशाल भी आरोपी है।
65 वर्षीय मेहुल चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम के एंटवर्प में ‘निवास कार्ड’ प्राप्त करने के बाद रह रहा है। चोकसी की पत्नी बेल्जियम की नागरिक हैं। अपनी पत्नी की मदद से चोकसी ने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम में रहने का वीजा हासिल कर लिया।
पंजाब नेशनल बैंक लोन घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के बाद दूसरे ‘प्रमुख संदिग्ध’ माने जाने वाले मेहुल चोकसी 2018 में भारत से भागने के बाद से एंटीगुआ में रह रहा था। लेकिन पिछले साल चिकित्सा उपचार का हवाला देते हुए बेल्जियम चले गया।
मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के अलावा, सीबीआई ने 2022 में उनके खिलाफ कुल ₹6,746 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के तीन और मामले दर्ज किए। इस बीच, मुंबई की एक विशेष अदालत ईडी की उस याचिका की समीक्षा कर रही है जिसमें आरोपियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की गई थी।
आरोपी के अधिवक्ता अग्रवाल का कहना है कि, अमेरिका में उनके मुवक्किल का प्रत्यर्पण आसान नहीं होगा। अग्रवाल ने कहा, “उनके लिए अपील दायर की जाएगी। भारत में उनके क्लाइंट के लिए सुरक्षा जोखिम हैं और उनका मानना है कि जैसे ही वे आएंगे, उन्हें मानवाधिकारों के अनुसार उचित व्यवहार नहीं मिलेगा। चोकसी के अधिवक्ता आंशका जाहिर करते हुए कहा, “अगर वे (चोकसी) यहां आते हैं, तो राजनीतिक और मीडिया के दबाव के कारण, निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम अपने मुवक्किल का चट्टान की तरह बचाव करेंगे। हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी चिकित्सा उपचार के लिए बेल्जियम गया था जिसके बाद से वह वहीं था. भारत छोड़ने के बाद से वह 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था।