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जैव विविधता सम्मेलन 16वीं बैठक: भारत ने कहा,जैव विविधता कार्य योजना को ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण से अपनाया। - Separato Spot Witness Times
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जैव विविधता सम्मेलन 16वीं बैठक: भारत ने कहा,जैव विविधता कार्य योजना को ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण से अपनाया।

दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 को कोलंबिया के कैली में जैव विविधता (सीबीडी) की 16वीं बैठक आयोजित हुई। जिसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भारत की मौजूदा राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना (एनबीएसएपी) जारी की। यह बैठक ‘कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (केएमजीबीएफ) के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आयोजित की गई है।

इस कार्यक्रम में कोलंबिया के पर्यावरण एवं सतत विकास उप-मंत्री मौरिसियो कैबरेरा, कोलंबिया की बहुपक्षीय मामलों की उप-मंत्री सुश्री कैंडीया ओबेज़ो, सीबीडी की कार्यकारी सचिव सुश्री एस्ट्रिड शोमेकर, भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव श्री तन्मय कुमार और राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष सी. अचलेंद्र रेड्डी की विशिष्ट उपस्थिति रही।

कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि केएमजीबीएफ के साथ जुड़ी अपडेट एनबीएसएपी 2030 तक जैव विविधता के नुकसान को रोकने और उसे पुरानी स्थिति पर वापिस लाने की रणनीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप है, जिसमें 2050 तक प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापति करने का दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी शामिल है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने अपने एनबीएसएपी को अपडेट करने में ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण को अपनाया है। श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आगे बताया कि अपडेट एनबीएसएपी पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने, इकोसिस्टम की बहाली, प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति कार्यक्रमों और समुदाय द्वारा संचालित संरक्षण प्रयासों के माध्यम से रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करता है, जो खराब हुए इकोसिस्टम की बहाली, आर्द्रभूमि की सुरक्षा और समुद्री और तटीय क्षेत्रों के सतत प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव ने जैव विविधता संरक्षण के लिए भारत के शासन ढांचे पर जोर दिया, जिसका उदाहरण 2002 का जैविक विविधता अधिनियम और 2023 का उसका संशोधन है। इस ढांचे में तीन स्तरीय संस्थागत संरचना शामिल है जिसमें राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण, राज्य जैव विविधता बोर्ड और स्थानीय जैव विविधता प्रबंधन समितियां शामिल हैं, जो सभी स्तरों पर प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करती हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत में जैव विविधता संरक्षण प्रयासों के समन्वय के लिए जिम्मेदार केंद्रीय एजेंसी के रूप में कार्य करता है। एनबीएसएपी अपडेट को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नेतृत्व में एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया द्वारा संचालित किया गया था, जिसमें 23 केंद्रीय मंत्रालय, कई विभाग, राज्य स्तरीय संगठन, समुदाय और अन्य हितधारक शामिल थे। अभी तक हुए एनबीएसएपी, कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचे के अनुरूप है, जिसमें विविध हितधारकों को शामिल करते हुए व्यापक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से 23 राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

मौजूदा एनबीएसएपी एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर देता है और इकोसिस्टम आधारित प्रबंधन दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हुए जैव विविधता को मुख्यधारा में लाने, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर-एजेंसी सहयोग के कार्यान्वयन के लिए एक नीचे से ऊपर की ओर दृष्टिकोण पर आधारित है। यह भारत में जैव विविधता की वर्तमान स्थिति और उसमें मौजूदा नीति और संस्थागत ढांचे, जैव विविधता व्यय और संभावित जैव विविधता वित्त समाधानों की जानकारी भी प्रदान करता है।

National Biodiversity Strategies and Action Plan

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