Delhi, 03 July 2025,
स्टंटबाजी करने या तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाने वाले चालकों के लिए निराशाजनक खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लापरवाही या स्टंट के कारण दुर्घटना में मरने वाले ड्राइवर के परिजन को मुआवजा देने के लिए कोई बीमा कंपनियां बाध्य नहीं होंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बीमा कंपनियां उन लोगों को मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं हैं जो अपनी लापरवाही या स्टंट के कारण सड़क दुर्घटना में जान गंवाते हैं। यह फैसला उन वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी और राहगीरों की जान जोखिम में डालकर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि दुर्घटना वाहन चालक की अपनी गलती के कारण हुई है, तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी बीमा कंपनी से मुआवजे का दावा नहीं कर सकते।
आपको बता दें कि, 2014 में अपनी लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए एक व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो गई थी। मृतक के परिजन ने मुआवजे की मांग की थी। मृतक के परिजन के मुआवजे की मांग को मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पहले ही खारिज कर दिया था। इसके बाद मांग कर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि दुर्घटना का कारण मृतक की तेज और लापरवाही भरी ड्राइविंग थी। जिससे बीमा कंपनी की ओर से मुआवजे का कोई दावा नहीं बनता।
लापरवाही या स्टंट के कारण दुर्घटना में मृतक ड्राइवर के परिजन को मुआवजा देने के लिए कोई बीमा कंपनियां बाध्य नहीं
No insurance company is bound to pay compensation to the family of the deceased driver in an accident due to negligence or stunt,