Delhi, 19 September 2025,
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आज 19 सितम्बर को आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी है। इन सभी पर फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया था।अब यह मामला 22 सितंबर को सूचिबद्ध होगा।
इस मामले पर सुनवाई न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ कर रही है। ये सभी आरोपी वर्ष 2020 से ही न्यायिक हिरासत में हैं। हाल ही में, 2 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नौ आरोपियों की ज़मानत याचिकाएँ खारिज करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के अंतर्गत सुरक्षित है। लेकिन इसका उपयोग हिंसा या अव्यवस्था फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि प्रथम दृष्टया शारजील और उमर की साजिश में भूमिका गंभीर थी। कोर्ट का मानना था कि इनके भड़काऊ भाषणों ने साम्प्रदायिक आधार पर भीड़ को उकसाया, जिसके चलते हिंसा भड़क उठी। फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा, नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान शुरू हुई थी। इस हिंसा ने 53 लोगों की जान ले ली और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
इस मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम सहित जिन लोगों की ज़मानत खारिज हुई है उनमें गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद शामिल हैं।