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ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और परिचालन की समझ का प्रमाण है: सीडीएस जनरल अनिल चौहान - Separato Spot Witness Times
युध्द राष्ट्रीय समाचार

ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और परिचालन की समझ का प्रमाण है: सीडीएस जनरल अनिल चौहान

Delhi, 10 August 2025,

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जीत को तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और संचालनात्मक एकजुटता का प्रमाण बताया है। 21 वें उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम एचडीएमसी के प्रतिभागियों और कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट सीडीएम, सिकंदराबाद के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण पर रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किए।

जनरल अनिल चौहान ने प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध में विघटनकारी परिवर्तनों से निपटने के लिए व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों की गहरी समझ के महत्व पर जोर दिया। सीडीएस ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना और उच्चतर रक्षा प्रबंधन’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत के रक्षा संगठन के विकास और वर्तमान ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों, निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों के कामकाज, संगठनात्मक पुनर्गठन सहित सुधारों के पालन और संयुक्त क्षमता बढ़ाने हेतु थिएटर कमांड की कार्य योजना पर प्रकाश डाला। इस संबोधन में उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर सुधारों, आपसी तालमेल और अनुकूलन शीलता के महत्व पर बल दिया गया। संयुक्त रसद और एकीकरण को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों के तहत, जनरल अनिल चौहान ने सीडीएम द्वारा तैयार एक व्यापक मार्गदर्शिका, ‘एकीकृत रसद के लिए संयुक्त प्राइमर’ जारी की।

उन्होंने कहा कि रसद सैन्य अभियानों की रीढ़ है और सशस्त्र बलों में रसद प्रक्रियाओं का एकीकरण रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अत्यंत जरूरी है। यह प्रारंभिक दस्तावेज़ रसद प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम आगे है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सशस्त्र बल किसी भी चुनौती के लिए हमेशा सुसज्जित और तैयार रहें। यह रसद एकीकरण, डिजिटलीकरण, साझा प्रावधान और खरीद तथा राष्ट्रीय रसद ढांचे के साथ एकीकरण के प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डालता है। इस दस्तावेज़ का लक्ष्‍य तीनों सेनाओं के बीच रसद समन्वय को बढ़ाना, दक्षता में सुधार लाना और सशस्त्र बलों में अधिक संगठनात्मक प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।

कमांडेंट, सीडीएम मेजर जनरल हर्ष छिब्बर ने सशस्त्र बलों के भविष्य के रणनीतिक नेतृत्व को आकार देने के लिए व्यावसायिक सैन्य शिक्षा को बढ़ावा देने की वर्तमान पहल पर व्यापक जानकारी दी।सीडीएम, एक प्रमुख त्रि-सेवा संस्थान, वरिष्ठ अधिकारियों को उच्च नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए आवश्यक समकालीन प्रबंधन कौशल से सुसज्जित करने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 44 सप्ताह तक चलने वाले इस एचडीएमसी में 167 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें मित्र देशों के 12 अधिकारी भी शामिल हैं, जो क्षेत्रीय सहयोग और सैन्य कूटनीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और पुष्ट करता है।

 

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