दिल्ली , कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को निधन हो गया था। वेटिकन ने उनके अंतिम संस्कार की तारीख का ऐलान कर दिया है। पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार 26 अप्रैल शनिवार सुबह वेटिकन सिटी में होगा। फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी कार्डिनल कॉलेज के डीन कार्डिनल जियोवानी बत्तिस्ता को सौंपी गई है।
पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था और वे अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में पैदा हुए थे। मार्च 2013 में वे पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने। अपने 12 साल के कार्यकाल में उन्होंने करुणा, सहिष्णुता और मानवता के संदेश को दुनिया तक पहुंचाया। अंतिम सार्वजनिक अपील में उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता, विचार की आज़ादी और सहनशीलता की बात की थी और गाज़ा की स्थिति को ‘निंदनीय’ बताया था।अपनी किताब होप में उन्होंने लिखा, “वैटिकन मेरा आखिरी सेवा का घर है, मेरा हमेशा का ठिकाना नहीं.” उनकी आखिरी ईस्टर संडे की मौजूदगी, जहां उन्होंने लोगों को आशीर्वाद दिया, उनकी सादगी और सेवा की भावना को दर्शाती है. पोप फ्रांसिस की मृत्यु ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है. उनके अंतिम संस्कार में कई देशों के बड़े नेता शामिल होंगे, और इसके बाद कार्डिनल्स नए पोप का चुनाव करेंगे।
पोप के निधन के बाद 22 अप्रैल मंगलवार सुबह , वैटिकन में कार्डिनल्स की एक बैठक हुई। इसमें उनके अंतिम संस्कार, दफन और नए पोप के चुनाव के संबंध में विचार विमर्श हुआ। पोप फ्रांसिस की इच्छा के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार उनकी मृत्यु के छह दिनों के अंदर होना चाहिए।
बैठक के बाद से ही पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वेटिकन द्वारा जारी की गई तस्वीरों में उन्हें लाल रंग के धार्मिक वस्त्रों में देखा जा सकता है, उनके सिर पर एक खास टोपी (माइटर) है और हाथों में एक माला है। ये तस्वीरें वैटिकन के कासा सांता मार्ता के निजी चैपल में ली गईं, जहां वे रहते थे और जहां उनका निधन हुई। वैटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन को उनके शव के पास प्रार्थना करते देखा गया। बुधवार से उनके शव को सेंट पीटर बेसिलिका में आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा। अंतिम संस्कार 26 अप्रैल शनिवार सुबह वेटिकन सिटी में होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। उन्होंने बचपन से ही प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों का अनुसरण किया और वंचितों के लिए हमेशा खड़े रहे। प्रधानमन्त्री ने उनके साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें भी साझा की।
भारत सरकार ने पोप फ्रांसिस के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। यह शोक 22 और 23 अप्रैल, और फिर पोप के अंतिम संस्कार वाले दिन मनाया जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी आधिकारिक मनोरंजन या सार्वजनिक समारोह नहीं होंगे।