महाराष्ट्र, नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय रेशिम बाग स्थित आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की समाधि का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी थे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शहर में माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के विस्तार भवन की आधारशिला रखी।
माधव नेत्रालय प्रीमियम के समारोह में बोलते हुए, मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भारत की अमर संस्कृति और आधुनिकीकरण का “वटवृक्ष” या बरगद का पेड़ बताया, जिसके आदर्श और सिद्धांत राष्ट्रीय चेतना की रक्षा करना है। बता दें कि, आरएसएस भारतीय जनता पार्टी का वैचारिक संरक्षक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक देश के विभिन्न भागों में विभिन्न क्षेत्रों में निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।
माधव नेत्रालय की स्थापना 2014 में दिवंगत आरएसएस प्रमुख माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की स्मृति में की गई थी। मोदी ने इसे दूसरे आरएसएस प्रमुख गोलवलकर के आदर्शों पर कई दशकों से समाज की सेवा करने वाली संस्था बताया। इस अवसर पर श्री मोदी ने अपने जीवन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभाव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा-संचालित दर्शन ने उन्हें आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1925 से 1947 का समय देश के लिए संकट का समय था, जब देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था और अब 100 वर्षों के बाद आरएसएस एक और मील के पत्थर पर कदम रख रहा है। पिछले 100 वर्षों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘संगठन’ और ‘समर्पण’ की ‘तपस्या’ फल दे रही है, क्योंकि देश 2047 में ‘विकसित भारत’ के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहा है। मोदी ने कहा, 2025 से 2047″ तक का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे सामने बड़े लक्ष्य हैं। हमने एक मजबूत और विकसित भारत की आधारशिला रखनी है।